गुजरात में कुत्ते ने भैंस का काट लिया जिससे उसकी मौत हो गई. (Photo: Ai Generated)Rabies Infection भुज, गुजरात के बाद अब एक और नई घटना गोरखपुर, यूपी से आई है. यहां एक गाय को कुत्ते ने काट लिया था. अभी दो दिन पहले उस गाय की मौत हो गई. परेशान करने वाली बात ये है कि उस गाय के दूध का इस्तेमाल कुछ दिन पहले ही एक धार्मिक आयोजन के दौरान किया गया था. गाय के दूध से प्रसाद के रूप में पंचामृत बनाया गया था. इसे गांव समेत दूसरी जगहों से आए लोगों ने भी चखा था. और ज्यादा डराने वाली बात ये है कि पंचामृत में कच्चा दूध मिलाया जाता है.
जानकारों की मानें तो करीब 200 से ज्यादा लोगों ने इस पंचामृत को चखा है. हालांकि एनिमल एक्सपर्ट किसी भी हाल में रेबीज से संक्रमित पशु के दूध और मीट को इस्तेमाल करने से मना करते हैं. लेकिन ऐहतियात बरतने के लिए दूध को उबालकर और मीट को तेज आंच पर पकाकर ही इस्तेमाल करना चाहिए. गौरतलब करीब 10 दिन पहले ही गुजरात में भी इसी तरह की घटना घटी है.
एनिमल हसबेंडरी के असिस्टेंट कमिश्नर डॉ. अधिराज मिश्रा का कहना है कि रेबीज होने की पहचान का सबसे बड़ा लक्षण ये है कि जिस पशु को काटा गया है स्लाइवा (लार) बहुत गिराता है. साथ ही वो हर चीज को काटने की कोशिश करता है. फिर चाहें वो चीज जीवित हो या निर्जीव. इसलिए जब इस बात की आशंका हो कि जिस पशु का दूध हम खरीद रहे हैं उसे किसी कुत्ते ने काटा और उसमे कुछ लक्षण भी दिखाई दे रहे हों तो उसके दूध का इस्तेमाल न करें. मीट भी न पकाएं. हालांकि दूध को खूब उबालकर पिया जाता है. मीट को तेज आंच पर पकाया जाता है. फिर भी इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि उस संक्रमित पशु के प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से रेबीज नहीं होगा. हालांकि प्रोडक्ट को आग पर रखने के बाद वैक्टीरिया खत्म हो जाने की बात कही जाती है, लेकिन 100 फीसद वैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे ऐसा भी दावा नहीं किया जा सकता है.
डॉ. अधिराज मिश्रा बताते हैं कि कुत्ते और बंदर के काटने के कुछ दिन बाद ही लक्षण दिखाई दे जाएंगे इसकी को गारंटी नहीं है. इनके काटने के बाद 10-15 दिन बाद ही मौत हो जाएगी ऐसा भी नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि रेबीज के लक्षण छह महीने से लेकर डेढ़ साल तक में सामने आते हैं. और ऐसे वक्त में करने के लिए बहुत ज्यादा कुछ रह नहीं जाता है. इसलिए जब भी इस बात का पता चल जाए तो सबसे पहले हमे एंटी रेबीज की डोज ले लेनी चाहिए.
अगर कुत्ते या बंदर ने आपके ऊपर झपट्टा मारा है तो पूरे शरीर पर अच्छी तरह से चेक कर लें कि कहीं उसके नाखुन या दांत से कोई घाव तो नहीं बना है. नाखुन की हल्की सी खरोंच से आपके शरीर से खून तो नहीं निकल रहा है. अगर हल्का सा भी घाव बन गया हो तो उसे साफ पानी हो सकते तो नल के नीचे साबुन से अच्छी तरह धोंएं. कम से कम 15 मिनट तक घाव को धोते रहें. और उसके बाद बिना वक्त गवांए टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लें.
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