Fish Pond: तालाब में मछली बीमार है या नहीं, उसकी हर एक हरकत को देखकर ऐसे करें पहचान

Fish Pond: तालाब में मछली बीमार है या नहीं, उसकी हर एक हरकत को देखकर ऐसे करें पहचान

तालाब में पलने वाली मछलियां पानी-फीड किसी भी वजह से बीमार हो सकती हैं. यहां तक की खाना-पीना भी बंद कर देती हैं. मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है. एक मछली के बीमार होने पर पूरे तालाब में बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. लेकिन थोड़ी सी निगरानी बीमारियों की पहचान आसानी से की जा सकती है. 

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Fish Pond: तालाब में मछली बीमार है या नहीं, उसकी हर एक हरकत को देखकर ऐसे करें पहचानझींगा तालाब का प्रतीकात्मक फोटो.

मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है. शायद ही कोई होगा जिसने स्कूल में ये लाइनें न पढ़ी हों. लेकिन कई बार यही पानी मछलियों के लिए जानलेवा हो जाता है. इसी पानी में रहकर मछलियां दम तोड़ने लगती हैं. पानी के दूषि‍त होने पर मछलियां बीमार पड़ने लगती हैं. अक्सर तालाब में पाली जाने वाली मछलियां पानी की वजह से ही बीमार होती हैं. कई बार तो जो फीड हम मछलियों को खाने के लिए देते हैं वो भी उनकी बीमारी का कारण बन जाता है. लेकिन फिशरीज एक्सपर्ट की मानें तो तालाब में पल रहीं मछलियां बीमार हैं या नहीं इसकी पहचान बड़ी ही आसानी से की जा सकती है. 

खास बात ये है कि मछली की बीमारी की पहचान मछली की एक-एक हरकत बता देती है. इसलिए जरूरी है कि मछली पालन के दौरान तालाब पर पैनी नजर रखी जाए. क्योंकि जरा सा भी बीमार होने पर मछलियों की दिनचर्या बदल जाती है. मछलियां तालाब के बीच में, किनारे पर और तली में जाकर अपनी हर एक हरकत से बीमार होने का इशारा देती हैं.  

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तालाब की मछलियां बीमार हैं या नहीं ऐसे करें पता 

मछली पालन से जुड़ा कारोबार पूरी तरह से मछलियों की ग्रोथ पर टिका होता है. मछली जितनी मोटी-ताजी होगी उसका रेट उतना ही ज्यादा मिलेगा. लेकिन तालाब में आने वाली छोटी से छोटी बीमारी भी सबसे पहले मछलियों की ग्रोथ को रोक देती है. इसलिए वक्त रहते मछलियों की बीमारी को पकड़ना बहुत जरूरी है. 

  • बीमार मछली किनारे पर अकेले रहने लगती है. 
  • बीमार होने पर मछली बैचेन होकर यहां-वहां तैरती है. 
  • तालाब में लगे बांस और दूसरी चीजों से अपने बार-बार रंगड़ती हैं. 
  • मुंह खोलकर बार-बार सांस लेने की कोशिश करती हैं. 
  • बीमार मछली पानी में गोल-गोल घूमती रहती है. 
  • फीड खाना कम या एकदम से बंद कर देती हैं. 
  • पानी में कभी सीधी तो कभी उल्टी हो जाती हैं. 
  • चमक कम होने पर शरीर का रंग फीका पड़ जाता है.
  • चमक कम होते ही पूरा शरीर चिकना-चिपचिपा हो जाता है. 
  • कई बार आंख, शरीर और गलफड़े फूल जाते हैं. 
  • शरीर की त्वचा फट जाती है और खून आने लगता है. 
  • गलफड़े का लालपन कम होने पर सफेद धब्बे बनने लगते हैं. 
  • बीमार मछली के शरीर में पैरासाइट पनपने लगते हैं. 
  • ग्रोथ रुक जाती है और कई बार तो तालाब में ही मरने लगती हैं. 

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