Goat Lamb: सितम्बर-अक्टूबर में जन्म लेंगे पहले से तय बकरी के बच्चे, ऐसे करें देखभाल 

Goat Lamb: सितम्बर-अक्टूबर में जन्म लेंगे पहले से तय बकरी के बच्चे, ऐसे करें देखभाल 

Goat Lamb Care बकरी पालन में बच्चों की देखभाल से जुड़े एक्सपर्ट की ओर से बहुत सारे टिप्स दिए जाते हैं. बस जरूरत है कि उनका बकरी शेड में पालन किया जाए. अगर एक्सपर्ट के बताए इन उपायों पर ध्यान देकर बकरी के बच्चों की देखभाल की तो बकरी के बाड़े में ना सिर्फ मृत्यु दर कम हो जाएगी बल्कि पूरी तरह से रुक भी सकती है. 

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Goat Lamb: सितम्बर-अक्टूबर में जन्म लेंगे पहले से तय बकरी के बच्चे, ऐसे करें देखभाल सीआईआरजी में बकरी के बच्चों की मृत्यु दर को कंट्रोल करने के लिए लगातार काम चल रहा है. फोटो क्रेडिट-किसान तक

Goat Lamb Care खासतौर पर बकरी पालन में री-प्रोडक्शन यानि बकरी द्वारा बच्चे देने सबसे अहम और बड़ा मुनाफा है. क्योंकि बकरी पालन दूध से ज्यादा मीट के लिए होता है और उसके लिए चाहिए बच्चे. औसत एक बकरी एक बार में दो बच्चे देती है. कुछ खास नस्ल की बकरियां तीन बच्चे भी देती हैं. लेकिन ये दो और तीन बच्चे मुनाफे में तभी बदलते हैं जब वो दो या तीन बच्चे जिंदा रहें. यही वजह है कि बच्चों की मृत्यु दर कम करने के लिए बकरी पालक पहले से तय करके एक खास वक्त पर बकरी से बच्चे पैदा करा रहे हैं. अब आने वाले सितम्बर-अक्टूबर में ऐसी बकरियां बच्चे देंगी. ये सब विपरीत मौसम से बच्चों को बचाने के लिए किया जाता है. फिर भी जन्म से पहले और जन्म के बाद देखभाल बहुत जरूरी हो जाती है.

जन्म लेते ही कैसे करें बच्चों की देखभाल

गोट एक्सपर्ट मोहम्मद इकबाल का कहना है कि बकरी के बच्चों की मृत्यु् दर कम करने के लिए ये जरूरी है कि हम उसकी देखभाल के साथ ही उसके खानपान का भी ध्यान रखें. उम्र के साथ उसका वैक्सीनेशन भी कराएं. 

  • बच्चे के पैदा होते ही उसे मां का दूध पिलाएं.
  • बच्चे के वजन के हिसाब से ही उसे दूध पिलाएं. 
  • वजन एक किलो हो तो 100-125 ग्राम दूध पिलाएं. 
  • बच्चे को दिनभर में तीन से चार बार में दूध पिलाएं. 
  • दूध पिलाने के लिए बकरी की जैर गिरने का इंतजार ना करें.
  • बच्चा 18 से 20 दिन का हो तो चारे की कोपल खि‍लाएं. 
  • बच्चा एक महीने का हो जाए तो पिसा हुआ दाना खि‍लाएं. 

छोटे बच्चों को मौसम से बचाने को क्या करें

अगर आप साइंटीफिक तरीके से बकरी पालन कर रहे हैं तो फिर बकरी अपने शेड में सितम्बर-अक्टूबर में बच्चा देगी या फिर मार्च-अप्रैल में. ये मौसम का वो वक्त है जब ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही ज्यादा सर्दी. बावजूद इसके बकरी के बच्चे को उचित देखभाल की जरूरत होती है. 

  • बच्चे को मौसम से बचाने के लिए जरूरी उपाय पहले से ही कर लें. 
  • जमीन पर बिछावन के लिए पुआल का इस्तेमाल करें.
  • तीन महीने का होने पर बच्चे का टीकाकरण शुरू करा दें.
  • डॉक्टर की सलाह पर पेट के कीड़ों की दवाई दें.
  • जन्म से एक-डेढ़ महीने पहले बकरी की खुराक बढ़ा दें. 
  • बकरी को भरपूर मात्रा में हरा, सूखा चारा और दाना खाने को दें.
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