गाय-भैंस के बच्चा देने के दौरान अक्सर छोटी-छोटी कुछ ऐसी बातें होती हैं जिनका खासतौर पर बहुत ख्याल रखना पड़ता है. इसी में से एक है जेर का गिरना. हालांकि कुछ घंटे की ये एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. लेकिन अक्सर पशुपालकों की कुछ लापरवाही के चलते ये इतनी जटिल हो जाती है कि गाय-भैंस में संक्रमण फैलने का खतरा बन जाता है. ऐसे में फौरन ही पशु चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि जेर का मामला बिगड़ने पर ही नहीं, जेर गिरने का एक वक्त होता है अगर उस वक्त तक जेर ना गिरे तो बिना देर किए गाय-भैंस को चिकित्सक को दिखा लेना चाहिए.
क्योंकि इस मामले में देर करने का मतलब होता है परेशानी को और बढ़ा करना. गौरतलब रहे बच्चेदानी के अंदर जिस थैली में बच्चा रहता है वो बच्चे के जन्म के साथ फट जाती है. और जब गाय-भैंस बच्चा दे देती है तो उसके तीन से आठ घंटे में जेर खुद ही बाहर निकल आती है और गिर जाती है. लेकिन कई बार जेर 12 से 15 घंटे बाद भी नहीं गिरती है. इसकी को जेर का रुकना या फंसना कहते हैं.
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