बढ़ी "सेक्स-सॉर्टेड सीमेन" की मांगपशुपालकों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, गुजरात में एक साल पहले राज्य सरकार द्वारा कीमत में भारी कमी किए जाने के बाद मवेशियों में "सेक्स सॉर्टेड सीमेन" के उपयोग में पांच गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे पशुपालकों के बीच इस तकनीक को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है. सेक्स सॉर्टेड सीमेन वो है जो किसानों को बछड़ों के सेक्स का सटीक निर्धारण करने में सक्षम बनाता है. इस तकनीक ने दूध उत्पादन को बढ़ावा देकर और आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करके पशुपालन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है.
गुजरात में पशुपालकों के बीच 2022-23 से इस्तेमाल हो रही इस तकनीक को अपनाने की गति पहले दो वर्षों में धीमी रही. 2022-23 में सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक 25,746 पशुओं को दी गई, और 2023-24 में भी लगभग 25,620 पशुओं को यह खुराक दी गई. महत्वपूर्ण बदलाव 2024 में आया, जब गुजरात सरकार ने सेक्स सॉर्टेड सीमेन की एक खुराक की कीमत 300 रुपये से घटाकर 50 रुपये कर दी. इस कदम से मांग में अचानक वृद्धि हुई और एक ही वर्ष में 1,30,925 पशुओं को खुराक दी गई, जो पहले की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है. यह जानकारी गुजरात सरकार द्वारा शनिवार को साझा किए गए आंकड़ों से मिली है.
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रगति जारी है और एक लाख से अधिक पशुओं को सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक दी जा चुकी है. इन परिणामों ने तकनीक पर विश्वास को और मजबूत किया है, क्योंकि गुजरात में इस तकनीक से पैदा हुए लगभग 94 प्रतिशत बछड़े मादा हैं. सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक में X-क्रोमोसोम वाले शुक्राणुओं को Y-क्रोमोसोम वाले शुक्राणुओं से अलग किया जाता है, जिससे किसान बछड़े का सेक्स काफी हद तक पहले से ही निर्धारित कर सकते हैं.
गुजरात जैसे दुग्ध उत्पादन पर केंद्रित राज्यों के लिए, मादा बछड़े आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे सीधे दूध उत्पादन और पशुधन विस्तार में योगदान करते हैं. भारत सरकार के अनुसार, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में पांच सरकारी सीमेन परीक्षण केंद्र स्थित हैं. इसके अलावा, तीन निजी सीमेन परीक्षण केंद्र भी सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक के उत्पादन में लगे हुए हैं. अब तक निजी सीमेन परीक्षण केंद्रों से उत्पादित सीमेन की खुराक सहित देश में 128 लाख सेक्स सॉर्टेड सीमेन की खुराक का उत्पादन हो चुका है.
राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (NDDB) ने राज्यों द्वारा व्यापक रूप से अपनाए जाने से कई साल पहले ही सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक पर काम शुरू कर दिया था. एनडीडीबी की वार्षिक रिपोर्टों के अनुसार, 2018-19 तक स्वदेशी सेक्स सॉर्टेड सीमेन तकनीक पर अनुसंधान और विकास कार्य चल रहा था, और इसके तुरंत बाद क्षेत्र परीक्षण की योजना बनाई गई थी. एनडीडीबी डेयरी सेवाओं द्वारा सेक्स सॉर्टेड सीमेन का व्यावहारिक उपयोग 2020-21 में दर्ज किया गया, जब एनडीडीबी के आलमधी सीमेन केंद्र में उत्पादित सेक्स सॉर्टेड सीमेन से पहली मादा बछिया के जन्म की सूचना मिली थी, जो भारतीय परिस्थितियों में तकनीक के सत्यापन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ था. तब से एनडीडीबी के प्रयास उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने पर केंद्रित रहे हैं.
NDDB की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 में गौ सॉर्ट ब्रांडेड स्वदेशी सेक्स सॉर्टेड सीमेन मशीन के विकास का उल्लेख है, जिसका उद्देश्य किसानों के लिए सेक्स सॉर्टेड सीमेन को अधिक किफायती और सुलभ बनाना है. इस तकनीक को स्वदेशी बनाने और इसका व्यवसायीकरण करने के इस प्रयास ने गुजरात जैसे राज्यों के लिए मूल्य हस्तक्षेपों के माध्यम से इसके उपयोग को तेजी से विस्तारित करने का आधार तैयार किया है, जिससे अनुसंधान परिणामों को पशुपालन उत्पादकता में बड़े पैमाने पर लाभ में परिवर्तित किया जा सके.
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