Fish Farming Tips: ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन आमदनी का एक बढ़िया जरिया है. बड़ी संख्या में ग्रामीण भारत के किसान इस व्यवसाय की तरफ रुख कर कर रहे हैं. किसान मछली पालन (Fish Farming) करके आज अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मछली पालन में नई-नई तकनीक आ चुकी है. इन तकनीकों से कम जगह, कम पैसा और कम मेहनत में ही अच्छा मुनाफा मिल जाता है. इस खबर में एक्सपर्ट के माध्यम से बताएंगे कि किस तरीके से आप मछली पालन के क्षेत्र में अपनी आय में दोगुना इजाफा कर सकते हैं.
इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक से खास बातचीत में मेरठ के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य डिपार्मेंट के प्रभारी विशेषज्ञ डॉ. डीवी सिंह ने बताया कि जो भी किसान मछली पालन के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं. ऐसे सभी किसानों को तालाब खुदवाने से पहले विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. वह कहते हैं कि जिस भी स्थान पर आप तालाब खुदवाना चाहते हैं. उस स्थान की संबंधित मत्स्य विभाग के अधिकारी से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं. क्योंकि मछली पालन के क्षेत्र में मिट्टी में जो पोषक तत्व होने चाहिए, अगर वह नहीं होंगे तो आप मछली पालन में अच्छी कमाई नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा अगर जांच में 90 प्रतिशत तक मिट्टी में 10 प्रतिशत रेतीले कंकर उस स्थान पर अगर आप मछली पालन करेंगे, तो मछली की वृद्धि अच्छी होगी.
डॉ. डीवी सिंह के अनुसार मछलियों को किसी भी प्रकार से केमिकल आधारित भोजन नहीं देना चाहिए. वह कहते हैं कि अगर आप मछलियों के बेहतर स्वास्थ्य और उनकी वृद्धि देखना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको प्राकृतिक तौर पर मछलियों को भोजन उ पलब्ध कराना चाहिए. इसके लिए आप भोजन बनाते समय 1 किलो राइस ब्रांड, 1 किलो सरसों का खल को अच्छे से मिलाएं. उसके बाद आप तालाब में मछलियों के लिए भोजन डाल दें. इस तरह से अगर आप मछलियों को भोजन उपलब्ध कराएंगे तो मछलियों की जो वृद्धि है वह काफी अच्छी होगी उससे मुनाफा भी अच्छा मिलेगा.
मत्स्य डिपार्मेंट के प्रभारी विशेषज्ञ डॉ. डीवी सिंह बताते हैं कि आपका तालाब जितना स्वच्छ रहेगा उतना ही मछली पालन में वृद्धि देखने को मिलेगी. अगर तालाब में कोई अन्य जीवाणु रहने लगेंगे. तो आपकी मछलियों को नुकसान होगा. इसलिए समय समय पर जाल डालकर मछलियों की ग्रोथ का भी पता करते रहें. अगर कोई समस्या हो तो संबंधित विशेषज्ञ से जानकारी लेकर विभिन्न प्रक्रियाओं को अपनाएं.
उन्होंने बताया कि अगर आपको एक एकड़ में 50 टन से अधिक मछलियों का उत्पादन मिल रहा है तो आप समझें कि मछली पालन आप बेहतर तरीके से कर रहे हैं. अगर यह 30 से 35 टन है तो आपको मत्स्य विभाग के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लेनी चाहिए. बता दें कि सरकार द्वारा भी मछली पालन को लेकर किसानों को विशेष स्कीम से मदद दी जाती है. जिससे कि किसानों की आय को दोगुना किया जा सके.
डॉ. डीवी सिंह ने बताया कि पानी को साफ रखना जरूरी है जिससे मछलियों को बराबर मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके. रोहू, कतला, मृगल, ग्रास कार्प, कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प जैसी मछलियों का पालन कर सकते हैं. मछली पालन के लिए सरकार की कई योजनाएं चल रहीं हैं. मछली पालन की योजनाओं में सब्सिडी समेत लाभ लेने के लिए अपने ज़िले के मत्स्य विभाग के कार्यालय में संपर्क करें.
ये भी पढ़ें-
UP में किसानों को मूंग के बीज खरीदने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी, बस करना होगा ये काम
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today