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बाराबंकी में मछलीपालन से 1 करोड़ तक कमाई कर रहे हैं किसान, आम की खेती का भी बढ़ा रकबा

बाराबंकी में मछलीपालन से 1 करोड़ तक कमाई कर रहे हैं किसान, आम की खेती का भी बढ़ा रकबा

यूपी बागवानी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा, बाराबंकी में फिशरीज से किसान 1 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. साथ ही आम का 12 फीसदी उत्पादन यूपी करता है. लेकिन एक्सपोर्ट कम है. साउथ से आम ज्यादा एक्सपोर्ट होता है.

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किसान तक आम सभा किसान तक आम सभा

लखनऊ में किसान तक आम सभा का आयोजन हो रहा है. यह खास प्रोग्राम सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (CISH), रहमान खेड़ा, लखनऊ में किया जा रहा है. इस सभा में भारी संख्या में लोग जुटे हुए हैं. इस दौरान कृषि वैज्ञानिक और किसानों के साथ आम की खेती से जुड़े हर विषय पर बात की गई. किसान सभा के स्पेशल सेशन में यूपी बागवानी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि दुनिया में यूपी और हिंदुस्तान खेती के लिए जाने जाते हैं और जितना अच्छा खेती का माहौल यहां है उतना कहीं और नहीं. मनोज सिंह ने आम की खेती के बारे में भी जानकारी दी.

यूपी में 75 फीसदी जमीन पर खेती

प्रोग्राम में मनोज सिंह ने कहा, दुनिया के दूसरे देशों में जितनी जमीन है उसके 10 फीसदी पर खेती होती है. वहीं यूपी में 75 फीसदी जमीन पर खेती होती है. खेती में सबसे जरूरी इनपुट सिंचाई है. यूपी में 75 फीसदी एरिया में खेती और 86 फीसदी रकबा सिंचित रहता है. ये दुनिया में कहीं और नहीं है. यहां की जो जलवायु है, पानी की उपलब्धता खेती के लिए अनुकूल है. वही उन्होंने कहा कि देश का 35 फीसदी गेहूं यूपी देता है. साथ ही मटर, गोभी समेत 15 फसलों के उत्पादन में यूपी नंबर एक पर है.

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यूपी में फूड प्रॉसेसिंग का लेवल 6 फीसदी

यूपी बागवानी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने कहा, बाराबंकी में फिशरीज से किसान 1 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाराबंकी में फिशरीज से डे़ढ़-दो एकड़ में तालाब बना रखा है,कुछ लोग वर्मी कंपोस्ट से लाखों की कमा रहे हैं. सहारनपुर में आम का बाग है, जिससे सालाना 5 करोड़ का आम बेचा जाता है. मशरूम की खेती से 5-6 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. साथ ही आम का 12 फीसदी उत्पादन यूपी करता है. लेकिन एक्सपोर्ट कम है. साउथ से आम ज्यादा एक्सपोर्ट होता है. हालांकि, यूपी के आम की क्वालिटी अच्छी है लेकिन कल्टीवेशन को बढ़ाने की जरूरत है. वहीं उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट सितंबर 2024 से कमर्शियल फ्लाइट शुरू हो रही है.

वहां पर यमुना अथॉरिटी से जमीन लेने की तैयारी चल रही है. निर्यात में मदद मिलेगी. इसके साथ ही यूपी में फूड प्रोसेसिंग का लेवल 6 फीसदी है. इसके अलावा 200-400 रुपये किलो आम बिके तो आम लोगों के लिए 30-40 रुपये का आम भी बनाए रखना है. हमे ऐसे नहीं करना है कि दाम इतना बढ़ा दें कि आम आम लोगों से दूर हो जाए.

नए प्लांटेशन से बढ़ेगा आम का उत्पादन

प्रोग्राम में मनोज कुमार सिंह ने कहा, आम का उत्पादन बढ़ाने के लिए नए प्लांटेशन पिकअप करने का टारगेट रखा गया है. 
सरकार यह चाहती कि पेड़ लगाए जाएं, लेकिन फॉरेस्ट एरिया नहीं है. किसान अपनी मेड़ पर और को खेत में आम, अमरूद के पेड़ लगा सकते हैं. वहीं छोटे किसानों को बाग लगाने में दिक्कत है क्योंकि प्रोडक्शन देरी से मिलता है. ऐसे में किसानों को नए बगीचे लगाने में दिक्कत है. लेकिन सरकार उन्हें प्रोत्साहित कर रही है और नए रास्ते निकाल रही है.

आम की कटाई के लिए ट्रेनिंग की जरूरत

मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आज अगर आम की उपज कम हुई है तो उसके पीछे वजह है कि सही ढंग से आम की कटाई-छंटाई नहीं कर रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि किसान आम के बागों की सही तरीके से कटाई-छंटाई करें. इसमें आम को जड़ से नहीं काटना है, लेकिन अगर किसान टहनियों की कटाई करना चाहता है तो उसके लिए शासन से आदेश की जरूरत नहीं है. कटाई के लिए किसानों को ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए. मनोज सिंह ने कहा कि किसानों को ट्रेनिंग देने पर जो खर्च आएगा, उसे यूपी बागवानी विभाग की तरफ से दिया जाएगा.