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इस मुर्गे का खून भी काला-मांस भी काला, 5-6 महीने में हो जाता है तैयार, 1800 रुपये किलो बिकता है मीट

इस मुर्गे का खून भी काला-मांस भी काला, 5-6 महीने में हो जाता है तैयार, 1800 रुपये किलो बिकता है मीट

कड़कनाथ मुर्गे की खासियत ये है कि इस मुर्गे का शरीर, खून, चोंच, मांस, और अंडा सभी काले रंग के होते हैं. सामान्य मुर्गे की अपेक्षा इसका स्वाद और क्वालिटी कई गुना ज्यादा है. वहीं स्वाद और गुणों को लेकर ही बाजार में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.

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मुर्गा पालन मुर्गा पालन

मुर्गा खाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है, मुर्गा खाने से शरीर को एक नहीं बल्कि कई फायदे होते हैं. वहीं बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोग फिटनेस और मांसपेशियों को विकसित करने के लिए उच्च प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करते हैं. ऐसे में चिकन में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए लोग बड़े ही चाव से मुर्गा खाना पसंद करते हैं. आप सब ने कड़क चाय तो जरूर पी होगी. लेकिन, क्या आपने कड़कनाथ मुर्गे के बारे में सुना है? यह मुर्गे की प्रजाति में सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना जाना वाला मुर्गा है. इस मुर्गे की एक नहीं कई खासियत है. आइए जानते हैं.

कड़कनाथ मुर्गे की खासियत

कड़कनाथ मुर्गे की खासियत ये है कि इस मुर्गे का शरीर, खून, चोंच, मांस, और अंडा सभी काले रंग के होते हैं. सामान्य मुर्गे की अपेक्षा इसका स्वाद और क्वालिटी कई गुना ज्यादा है. वहीं स्वाद और गुणों को लेकर ही बाजार में इसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसका पालन किसानों के लिए आय और मुनाफे का सौदा है.

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1800 रुपये किलो बिकता है मीट

कड़कनाथ मुर्गा 4 से 5 महीने में पूरी तरह से तैयार हो जाता है. इसका मांस बाजारों में 1200 से लेकर 1800 रुपये किलो तक बिकता है. वहीं इसकी मुर्गी के एक अंडों की कीमत 50 रुपए तक की होती है. इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण बाजार में इसकी मांग काफी अधिक है. कड़कनाथ मुर्गे चारे में बरसीम और चरी आदि खाते हैं. इन्हें पालने में लागत कम लगती है और मुनाफा काफी ज्यादा होता है. इसकी एक खास बात यह भी है कि अन्य मुर्गों की तुलना में इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है, जिसे खाने से शरीर को नुकसान नहीं होता है. साथ ही इसके पालन के बारे में जानकारी लेने के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण ले सकते हैं. साथ ही इस मुर्गे का पालन कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

कहां पाया जाता है यह मुर्गा

वैसे तो यह मुर्गा मूल रूप से मध्य प्रदेश के झाबुआ के आदिवासियों अंचलों में पाया जाता है. लेकिन, अब वैज्ञानिकों के शोध की मदद से इसका पालन छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में आसानी से किया जा रहा है. इसकी बढ़ती मांग को देखते हुई कई अन्य राज्यों के पशुपालक भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं.

कड़कनाथ मुर्गा खाने के फायदे

  • खांसी, जुकाम से करता है बचाव
  • त्वचा के लिए फायदेमंद
  • हार्ट के लिए फायदेमंद
  • कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है
  • आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद