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क‍िसान ने खोला 'गोट बैंक', 1100 रुपये जमा करने पर मिलती है प्रेग्नेंट बकरी, ब्याज में देने होते हैं मेमने

क‍िसान ने खोला 'गोट बैंक', 1100 रुपये जमा करने पर मिलती है प्रेग्नेंट बकरी, ब्याज में देने होते हैं मेमने

अकोला के इस गोट बैंक की ओर से 11 सौ रुपये लेकर बकरियों के लोन का एग्रीमेंट किया जाता है. एक प्रेग्नेंट बकरी दी जाती है. लोन एग्रीमेंट की शर्त के मुताबिक 40 महीने में बकरियों के चार बच्चे बैंक को लौटाने होते हैं. जिससे बकरियों से संबंधि‍त रोजगार लाभार्थी को मिलता है. 

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Farmer opens Goat Bank in Maharashtra Farmer opens Goat Bank in Maharashtra

महाराष्ट्र के अकोला जिले में एक ऐसा बैंक है जिसका नाम आपने कभी सुना नहीं होगा. इस बैंक की खास‍ियत यह है क‍ि यहां पर पैसे के बदले बकरियों को लोन की तरह बांटा जाता है. जिसके बाद सूद के तौर बकरियों के बच्चों को इस बैंक को देना पड़ता है. यह अजब- गजब फायदेमंद तरकीब जिले के 52 वर्ष के किसान नरेश देशमुख ने 5 साल पहले न‍िकाली थी. अब इस  बैंक की ओर से 1100 रुपये लेकर बकरियों के लोन का एग्रीमेंट किया जाता है. फिर एक प्रेग्नेंट बकरी दी जाती है. लोन एग्रीमेंट की शर्त के मुताबिक 40 महीने में बकरियों के चार बच्चे बैंक को लौटाने होते हैं. जिससे बकरियों से संबंधि‍त रोजगार लाभार्थी को मिलता है.

इस बैंक के अजब - गजब तरीके अब किसान और बकरी पालन करने वालों के दिलों दिमाग में बस चुका है. अब इन बकरियों की डिमांड विदर्भ समेत खानदेश और पश्चिम महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों तक पहुंच चुकी है. ठाणे जिले की पालघर, नंदुरबार, जलगांव, नागपुर और हिंगोली जिले के लोगों को इस बैंक से बकरियां दी जा रही हैं. इसके चलते अब तो सरकार में भी इस बैंक को आगे बढ़ाने की बात चल रही है. ऐसी बकरियों को रोजगार के ल‍िए महिलाओं को देने की बात चल रही है. किसान देशमुख ने बताया कि यह बैंक हर संभव कोशिश करेगा क‍ि यह तरकीब हर गांव तक पहुंचे. देशमुख ने बताया कि अब हर जिले, हर तहसील और गांव के सर्कल तक ऐसे गोट बैंक निर्माण करने की प्रक्रिया के बारे में सरकार सोच रही है.

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मात्र 1100 रुपये देने होते हैं 

इस बैंक से बकरी पालन करने वाले लाभार्थी को महज 1100 रुपये का बॉन्ड भरकर प्रेग्नेंट बकरी दी जाती है. जबकि, मार्केट में उसका दाम 10 हजार से 11 हजार रुपये के बीच होता है. लेकिन प्रेग्नेंट बकरी के होने वाले मेमने में से एक बच्चा डेढ़ महीने बाद बैंक को सूद के तौर पर जमा करना पड़ता है. बकरी साल में दो बार बच्चे देती है, जिसमें इस बैंक की शर्त है कि 40 महीनों में इस प्रेग्नेंट बकरी के 4 मेमने उन्हें सूद के तौर पर लौटाने होंगे.

लोगों को मिला रोजगार

इसमें लाभार्थियों को भी इस बैंक ने एक नया रोजगार दिया है. बैंक भी इसमें बकरियों का पालन लोगों से करवा रही है. अब इस गोट बैंक का कारोबार महाराष्ट्र के कई जिलों में पहुंच चुका है. क्योंक‍ि इसमें दोनों पक्षों को फायदा है. ठाणे जिले के पालघर, अमरावती, हिंगोली, बुलढाणा और जलगांव जिले में इस साल इस बैंक ने 1100 से अधिक गर्भवती बकरियां दी हैं. यानी 40 महीने में इसे सूद के तौर पर 4400 बकर‍ियां म‍िल जाएंगी. इस बैंक से विदर्भ के किसान और खेतिहर मजदूरों को बड़ा रोजगार मिला है. कई परिवारों की तकदीर बदली है.

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