बकरीद पर बकरों समेत कई हलाल पशुओं की कुर्बानी दी जाती है. यही वजह है कि बकरों की खरीद-फरोख्त जोर-शोर से चल रही है. गांव से लेकर शहर तक में जगह-जगह बकरों की मंडियां लगी हुई हैं. शाम के वक्त बकरा मंडियों में खूब भीड़ उमड़ रही है. हर खरीदार की यही डिमांड है कि बकरा देखने में खूबसूरत और तंदरुस्त हो. बकरों के मामले में जब बात खूबसूरती और तंदरुस्ती की आती है तो बरबरी नस्ल के बकरों का जिक्र ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. बकरा मंडियों में खरीदार भी पहले प्योर नस्ल के बरबरी बकरे की ही तलाश करते हैं.
केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के साइंटिस्ट भी खूबसूरती और तंदरुस्ती के मामले में बरबरी नस्ल के बकरों को अच्छा बताते हैं. यही वजह है कि बरबरी नस्ल के बकरों की डिमांड देश ही नहीं अरब देशों में भी बहुत रहती है. बरबरे बकरे ज्यादातर यूपी और राजस्थान में पाए जाते हैं. यूपी में खासतौर पर अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, एटा, इटावा और कासगंज जिले में बड़े पैमाने पर इनका पालन होता है.
ये भी पढ़ें: Green Fodder बकरी का दूध और बकरे का वजन बढ़ाना है तो ऐसे चराएं रोजाना, पढ़ें डिटेल
सीआईआरजी के बरबरी एक्सपर्ट एमके सिंह की मानें तो बरबरी नस्ल को शहरी बकरी भी कहा जाता है. अगर आपके आसपास चराने के लिए जगह नहीं है तो इसे खूंटे पर बांधकर या छत पर भी पाला जा सकता है. अच्छा चारा खिलाने से इसका वजन नौ महीने का होने पर 25 से 30 किलो, एक साल का होने पर 40 किलो तक हो जाता है. अगर सिर्फ मैदान या जंगल में चराई पर ही रखा जाए तब भी एक साल का बकरा 25 से 30 किलो का हो जाता है.
बरबरी नस्ल का बकरा वजन में 25 से 40 किलो तक का पाया जाता है. देश के अलावा अरब देशों में बरबरी नस्ल के बकरे की बहुत डिमांड है. बरबरी बकरे को मीट के लिए बहुत पसंद किया जाता है. डिब्बा बंद मीट के साथ जिंदा बरबरे बकरे भी सऊदी अरब, कतर, यूएई, कुवैत के साथ ही ईरान-इराक में सप्लाई किए जाते हैं. देखने में भी बरबरी नस्ल के बकरे बहुत खूबसूरत होते हैं तो बकरीद के मौके पर लोग कुर्बानी के लिए मुंह मांगे दाम देते हैं.
ये भी पढ़ें: Dairy Milk: जानें कैसे पशुपालक से महंगा दूध खरीदकर पाउच में कम दाम पर बेचती हैं डेयरी
साइंटिस्ट एमके सिंह ने किसान तक को बताया कि बरबरी नस्ल के बकरे और बकरियों की सबसे बड़ी पहचान उनके कान और रंग हैं. 37 नस्ल के बकरे और बकरियों में बरबरी नस्ल ऐसी है जिसके बकरे और बकरियों के कान ऊपर की ओर उठे हुए नुकीले, छोटे और खड़े होते हैं. अगर रंग की बात करें तो सफेद रंग की खाल पर भूरे रंग के धब्बे होते हैं. नाक चपटी और पीछे का हिस्सा भारी होता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today