Dairy Export: विदेशों में बढ़ रही है भारतीय दही, घी-मक्खन की डिमांड, एक साल में कहां पहुंचा आंकड़ा 

Dairy Export: विदेशों में बढ़ रही है भारतीय दही, घी-मक्खन की डिमांड, एक साल में कहां पहुंचा आंकड़ा 

भारत दूध उत्पान में नंबर वन है. बावजूद इसके डेयरी प्रोडक्ट का उतना एक्सपोर्ट नहीं होता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि डेयरी प्रोडक्ट में खासतौर से घी-मक्खन, दही और चीज की विदेशी बाजारों में डिमांड बढ़ रही है. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट से ये आंकड़ा सामने आया है. 

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Dairy Export: विदेशों में बढ़ रही है भारतीय दही, घी-मक्खन की डिमांड, एक साल में कहां पहुंचा आंकड़ा 

आंकड़ों की मानें तो 100 से ज्यादा ऐसे देश हैं जहां भारत का बना घी-मक्खन पसंद किया जाता है. अब तो घी-मक्खन के साथ लिस्ट में दही और चीज भी जुड़ गया है. खासतौर से कोरोना के बाद से मक्खन की डिमांड और बढ़ गई है. साल 2021-22 में तो सिर्फ मक्खन ही 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिका था. हालांकि ये डिमांड एक खास वक्त के लिए ही बढ़ी थी. अगर उसके बाद की बात करें तो अब घी-मक्खन, दही और चीज की डिमांड बढ़ रही है. हाल ही में केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है. 

रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में ही घी-मक्खन का एक्सपोर्ट डबल से ज्यादा हो गया है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो भारत की ओर से डेयरी प्रोडक्ट को हलाल सर्टिफिकेट दिए जाने के चलते टॉप 10 खरीदारों में छह मुस्लिम देश शामिल हुए हैं. यूएई, सऊदी अरब, बहरीन, कतर, ओमान और बांग्लादेश डेयरी प्रोडक्ट के बड़े खरीदारों की लिस्ट में शामिल हैं.

जानें एक साल में कहां पहुंचा एक्सपोर्ट का आंकड़ा 

कुछ दिन पहले ही आई पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023-24 में 1463 करोड़ रुपये का घी-मक्खन एक्सपोर्ट हुआ था. जबकि साल 2024-25 में ये आंकड़ा बढ़कर 3222 करोड़ पर पहुंच गया है. अगर चीज और दही के एक्सपोर्ट की भी बात करें तो ये आंकड़ा भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है. चीज-दही का एक्सपोर्ट एक साल में 450 करोड़ से 495 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. अच्छी बात ये है कि भारतीय मट्ठा को भी विदेशों में पसंद किया जा रहा है. इस बारे में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी ने किसान तक को बताया कि इंटरनेशनल मार्केट में फैट की कीमत इंडिया के मुकाबले 50 से 100 रुपये किलो तक ज्यादा थीं. इसी के चलते घी और मक्खन की डिमांड बढ़ी थी. अब फैट की कीमत सामान्य हो चुकी हैं. 

4 महीने में बिका था 500 करोड़ का मक्खन

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्या‍दा मक्खन का एक्सपोर्ट दिसम्बर 2021 से मार्च 2022 तक हुआ था. यह चार वो महीने थे जब एक साल पहले के मुकाबले 10 से 20 गुना तक मक्खन एक्सपोर्ट किया गया था. इन चार महीनों में करीब 500 करोड़ रुपये के मक्खन का एक्सपोर्ट किया गया था. जबकि एक साल पहले इन्हीं चार महीनों में 46 करोड़ रुपये का मक्खन एक्सपोर्ट किया गया था. जबकि इस आंकड़े के मुकाबले साल 2022 के मई में 67 करोड़ तो जून में 48 करोड़ रुपये के मक्खन का एक्सपोर्ट हो गया था. साल 2022 के सितम्बर में सबसे कम 10 करोड़ रुपये का मक्खन एक्सपोर्ट किया गया था.

2021-22 में कई गुना बढ़ गया था डेयरी एक्सपोर्ट

एपीडा के आंकड़े बताते हैं कि दो साल के मुकाबले 2021-22 में डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ गया है. इस मामले में भारत से बड़ी मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट खरीदने वालों में 10 प्रमुख देश हैं. यह वो देश हैं जिन्होंने इस साल कई गुना ज्यादा दूध, घी और मक्खन के साथ दूसरे प्रोडक्ट खरीदे हैं. इसमे पहले, दूसरे और तीसरे नंबर पर बांग्लादेश 684 करोड़, यूएई 438 करोड़ और बहरीन 214 करोड़ रुपये हैं. जबकि साल 2019-20 में बांग्लागदेश ने 8 करोड़ के डेयरी प्रोडक्ट , यूएई ने 264 करोड़ और बहरीन ने 25 करोड़ रुपये के डेयरी प्रोडक्ट भारत से खरीदे थे.

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