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Delhi: बच्चों को मिड डे मील में मिलेंगे मोटे अनाज से बने भोजन, जानें क्या है पूरी योजना 

Delhi: बच्चों को मिड डे मील में मिलेंगे मोटे अनाज से बने भोजन, जानें क्या है पूरी योजना 

दिल्ली के प्राथमिक विद्यालयों में परोसे जाने वाले मध्यान्ह भोजन (मिड डे मील) में बच्चे जल्द ही पौष्टिकता से भरपूर श्रीअन्न यानी मोटे अनाज से बने व्यंजनों का भी लुत्फ उठा सकेंगे. इस आधार पर सरकार ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है.

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बच्चों को मिड डे मील में मिलेंगे मोटे अनाज से बने भोजन बच्चों को मिड डे मील में मिलेंगे मोटे अनाज से बने भोजन

मोटे अनाजों को 'सुपर फूड' के नाम से भी जाना जाता है. ये कई पोषक गुणों से युक्त होते हैं. इसके अलावा, बच्चों और किशोरों में कुपोषण खत्म करने में मोटे अनाज का सेवन काफी मददगार होता है. यही वजह है कि देश में मोटे अनाजों के सेवन के लिए मांग को बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. वही, इसका असर अब दिखने भी लगा है. दरअसल, अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे मिड डे मील में आलू-पूरी और सब्जी दलिया की जगह चना मसाला वाला रागी हलवा खाएंगे. 

बता दें कि दो सरकारी स्कूलों में एक प्रयोग के बाद और छात्रों और अभिभावकों से फीडबैक लेने के बाद, शिक्षा विभाग ने मोटे अनाज आधारित पोषण को अपनाने का फैसला किया है. वहीं, छात्रों को दो मोटे अनाज आधारित भोजन के साथ-साथ वही व्यंजन मिलते रहेंगे जो पहले दिए जा रहे थे. अन्य भोजन में- कड़ी-चावल (चावल के साथ दही करी), दाल-चावल, छोले-चावल और पूरी-छोले शामिल हैं.

मोटे अनाजों की खिचड़ी को किया गया था अनुशंसित

दरअसल, मध्याह्न भोजन के सेवा प्रदाताओं सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मोटे अनाज-आधारित भोजन पर चर्चा करने और मेनू में शामिल किए जाने वाले मोटे अनाजों के प्रतिशत को अंतिम रूप देने के लिए पिछले महीने की शुरुआत में एक बैठक की थी. जिसमें चावल के तौर पर मोटे अनाजों की खिचड़ी को अनुशंसित किया गया था.

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वहीं, गवर्नमेंट को-एड मिडिल स्कूल, न्यू सीलमपुर, और गवर्नमेंट को-एड सेकेंडरी स्कूल, ब्लॉक 2-जी, गीता कॉलोनी के छात्रों को रागी हलवा, चना और ज्वार की खिचड़ी परोसी थी, जिसे अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा तैयार किया गया था.

कैसे तैयार होगा मिड डे मील

समिति के अनुसार, रागी के हलवे में गर्मी के मौसम (अप्रैल से सितंबर) में चीनी और सर्दी के मौसम में (अक्टूबर से मार्च) गुड़ शामिल होगा. इसके अलावा, समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि ज्वार का दलिया बनाते समय उसमें पोषक मूल्य को बढ़ाने के लिए सोयाबीन और अन्य अवयवों को मिलाकर बढ़ाया जाना चाहिए. साथ ही सेवा प्रदाताओं को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि साप्ताहिक मेनू प्रधानमंत्री पोषण योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बनाया जाए.

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वहीं, मध्याह्न भोजन के व्यंजनों में पोषक मूल्य, गुणवत्ता और अनुपात की उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, समिति के सदस्य और विभाग के अधिकारी समय-समय पर जांच के लिए रसोई घर में जा सकते हैं. गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी यह निर्णय लिया था कि वह मध्याह्न भोजन में मिलेट्स का उपयोग करेगी.