Tips for Milk Production जब कंपनी की गाड़ी दूध लेने के लिए डेयरी फार्म पर आती है तो पहले वो दूध की जांच करती है. ऐसा इसलिए भी किया जाता है कि पशु का दूध दुहाने के दौरान दूध कहीं दूषित तो नहीं हुआ है. इसके बाद जब गाड़ी दूध लेकर कंपनी के प्लांट पर पहुंचती है तो वहां दूध की जांच होती है. इस तरह से एक नहीं कई-कई बार दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की जांच होती है. क्योंकि डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि दूध और डेयरी प्रोडक्ट की गुणवत्ता काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करती है कि दूध साफ-सुथरा हो.
ऐसा तो नहीं है कि पशु फार्म की गंदगी तो दूध में शामिल नहीं हो गई है. बिना लागत को बढ़ाए दूध उत्पादन कैसे बढ़े, पशु यानि गाय-भैंस हेल्दी कैसे रहे. उत्पादन के दौरान दूध की गुणवत्ता को बरकरार कैसे रखा जाए, इसी से जुड़े सवालों के संबंध में टिप्स देते हुए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर पशुपालकों को कुछ बातें बताई हैं.
मंत्रालय ने टिप्स जारी करते हुए कहा है कि अगर दूध और उससे बने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाने के साथ ही बरकरार रखना है तो साफ-सुथरे तरीके से पशु फार्म में दूध उत्पादन करना होगा. इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि रोजाना ही खासतौर पर गर्मियों में पशुओं को नहलाया जाए. ऐसा करने से पशु संक्रमण से दूर रहेगा. जब संक्रमण नहीं होगा तो बीमारियां नहीं होंगी और दवाईयों का खर्च बच जाएगा.
वहीं समय-समय पर गाय-भैंस के खुर कटवाते रहें. खुर कटते रहने से भी पशु संक्रमण से बचता है. खासतौर से खुरपका बीमारी पशुओं से दूर रहती है. तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बाड़े में पशु जहां बैठता और खड़ा होता है वहां उसका बिस्तर साफ रहे. जैसे सर्दियों में रबर की मैट बिछाई गई है तो उसे हमेशा साफ रखें. गर्मियों में अगर कच्चे-पक्के फर्श पर पशु बैठता या खड़ा होता है तो उस जगह को भी अच्छी तरह से साफ करते रहें. गाय-भैंस की बैठने और खड़े होने वाली जगह भी अगर साफ रहती है तो तमाम तरह की बीमारियों का अटैक पशुओं पर नहीं होता है.
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