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Cow Breed: डेयरी बिजनेस के लिए बेहद फायदेमंद है गाय की ये नस्ल, 3000 लीटर तक देती है दूध

Cow Breed: डेयरी बिजनेस के लिए बेहद फायदेमंद है गाय की ये नस्ल, 3000 लीटर तक देती है दूध

गौपालन के जरिए किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके जरिए किसानों की आय दोगुनी हो सकती है. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी चीज है गौपालन से जुड़ी जानकारी. कई बार किसानों के पास जानकारी का अभाव होता है. जिसके चलते उन्हें रोजगार शुरू करने या उस रोजगार को आगे बढ़ाने में परेशानी होती है.

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गाय की इस नस्ल में क्या खासियत है? गाय की इस नस्ल में क्या खासियत है?

भारत में गायों की कई अलग-अलग नस्लें पाई जाती हैं. गायों का न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि रोजगार की दृष्टि से भी विशेष महत्व है. गाय के दूध के अलावा दही, घी, गोबर और गोमूत्र की भी बाजार में काफी मांग है. ऐसे में गौपालन एक उन्नत व्यवसाय है. इसे बड़े और छोटे दोनों स्तर पर किया जा सकता है. गौपालन के जरिए किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके जरिए किसानों की आय दोगुनी हो सकती है. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी चीज है गौपालन से जुड़ी जानकारी. कई बार किसानों के पास जानकारी का अभाव होता है. जिसके चलते उन्हें रोजगार शुरू करने या उस रोजगार को आगे बढ़ाने में परेशानी होती है. अगर आप भी गाय पालन कर आय कमाना चाहते हैं तो गाय की सही नस्ल का चुनाव करना बहुत जरूरी है. 

क्या है इस गाय की कीमत

गाय के सही नस्ल की बात करें तो डेयरी उधयोग के लिए गाय की थारपारकर नस्ल बेहद फायदेमंद है. राजस्थान थारपारकर नस्ल की गायों का जन्मस्थान है. जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर, जैसलमेर और बाड़मेर ऐसे जिले हैं जहां थारपारकर गायों की संख्या अधिक है. थारपारकर गायों का मुंह लंबा होता है. सींग मध्यम आकार के होते हैं. ये गायें सबसे गर्म स्थानों पर भी आसानी से रहने की क्षमता रखती हैं. एक थारपारकर गाय की कीमत 15-20 हजार से लेकर 40-45 हजार तक है. यह गाय 8 लीटर से 10-12 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है.

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थारपारकर गाय की विशेषता

थारपारकर गायें अपनी दोहरी क्षमता के लिए जानी जाती हैं. ये न सिर्फ़ दूध के मामले में अच्छी हैं, बल्कि खेती में भी उपयोगी हैं. इसके अलावा, अगर थारपारकर गाय को हरा चारा कम मिले, तो भी इसकी दूध उत्पादकता में कमी नहीं आती. इस नस्ल की गाय एक ब्यांत में 1400 से 1600 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. थारपारकर गायों का इम्यून सिस्टम भी अच्छा होता है, जिसकी वजह से ये बीमार नहीं पड़तीं और अगर बीमार पड़ भी जाती हैं, तो जल्दी ठीक हो जाती हैं.

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कैसे बढ़ाएं थारपारकर गाय का दूध

  • थारपारकर गाय का दूध बढ़ाने के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए सबसे पहले गाय के कम दूध देने का कारण जानना जरूरी है. ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिनकी वजह से गाय की दूध उत्पादकता कम हो सकती है और इन समस्याओं को ठीक करके पशु का दूध बढ़ाया जा सकता है. 
  • अगर गाय के रहने की जगह तंग है या उसके रहने की जगह में हवा का संचार ठीक से नहीं हो रहा है या फिर पशुशाला बहुत गर्म है तो गाय का दूध कम हो सकता है. ऐसी स्थिति में गाय का दूध बढ़ाने के लिए उसके रहने की जगह को खुला, हवादार और छायादार बनाएं.
  • गाय को अगर जूं और टिक्स की समस्या है तो उनकी दूध उत्पादकता भी कम हो जाती है. अगर पशु के शरीर पर जूं और टिक्स की समस्या है तो ये परजीवी उसका खून चूसते रहते हैं. जिससे पशु तनाव में आ जाता है और उसकी दूध उत्पादकता कम हो जाती है. ऐसी स्थिति में पशु के शरीर को नीम के पानी से साफ करना चाहिए. इससे पशु को जूं और टिक्स से छुटकारा मिलेगा और उनकी दूध उत्पादकता भी बढ़ेगी.
  • कैल्शियम की कमी से थारपारकर गाय का दूध उत्पादन भी कम हो सकता है. इस स्थिति को ठीक करने के लिए आप गाय को कैल्शियम जेल नामक सप्लीमेंट दे सकते हैं, इससे गाय का दूध उत्पादन बढ़ जाएगा.