जानकारों की मानें तो पोल्ट्री सेक्टर देश में ऐसा इकलौता सेक्टर है जो छह से आठ फीसद की दर से लगातार बढ़ रहा है. अंडे-चिकन के कारोबार से जुड़ा ये सेक्टर आज करीब तीन लाख करोड़ के आंकड़े को छू चुका है. अंडा हो या चिकन, खपत लगातार बढ़ रही है. पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो आज पोल्ट्री फार्म अंडे के लिए खोला जाए या फिर चिकन के लिए दोनों ही फायदेमंद हैं. हालांकि ये शहर की डिमांड के हिसाब से तय होता है कि आप चिकन का कारोबार करें या अंडों का. आजकल हाईटेक सिस्टम पर काम करने वाले पोल्ट्री फार्म खोले जा रहे हैं.
इसके दोहरे फायदे हैं. प्रोडक्शन बढ़ने के साथ ही लागत भी कम हो जाती है. घरेलू बाजार में तो अंडे-चिकन की डिमांड है ही, अब तो एक्सपोर्ट बाजार में भी इंडियन पोल्ट्री के अंडों की डिमांड खूब आने लगी है. बीते दो साल में ही कई नए देशों ने अंडे खरीदना शुरू किया है. पोल्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार चिकन के लिए भी एक्सपोर्ट बाजार में रास्ते खोलने की तैयारी कर रही है. अंडे के लिए लेअर फार्म और चिकन के लिए ब्रॉयलर फार्म खोला जाता है.
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लेअर बर्ड का एक दिन का चूजा 45 से 50 रुपये का आता है.
लेअर बर्ड 120 से 130 दिन के बाद अंडा देना शुरू करती है.
अंडे की शुरुआत 25 ग्राम से होकर 35, 40 और 48 ग्राम पर आ जाती है.
150 दिन होने पर मुर्गी सामान्य 53 से 56 ग्राम का अंडा देने लगती है.
19 से 20 महीने तक की मुर्गी 90 फीसद अंडा दे चुकी होती है.
अंडे का उत्पादन 60 से 70 फीसद होने पर मुर्गी को मोल्टिंग पर लगाया जाता है.
20 दिन की मोल्टिंग के बाद मुर्गी से फिर 80-90 फीसद तक अंडा देने लगती है.
मोल्टिंग के दौरान मुर्गी के पंख झड़ने के बाद दोबारा से आने लगते हैं.
मोल्टिंग के दौरान मुर्गी के खानपान को पूरी तरह से बदल दिया जाता है.
मोल्टिंौग के दौरान एक वक्त ऐसा भी आता है कि मुर्गी अंडा देना बंद कर देती है.
जींद, हरियाणा और गोरखपुर, यूपी पोल्ट्री के बड़े हब हैं.
पोल्ट्री फार्म बनाने के ठेकेदार दोनों राज्यों में आसानी से मिल जाते हैं.
30 हजार मुर्गी के फार्म पर 700 रुपये प्रति मुर्गी का खर्च आता है.
30 से 40 हजार मुर्गी होने पर 650 रुपये प्रति मुर्गी खर्च आएगा.
40 से 50 हजार मुर्गी पर 600 रुपये प्रति मुर्गी खर्च आएगा.
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सामान्य लेअर फार्म में हाथ से अंडा उठाया जाएगा.
मुर्गियों को दाना हाथ से खिलाया जाता है.
सामान्य लेअर फार्म में मुर्गियों की बीट भी हाथ से साफ की जाती है.
30 हजार मुर्गी तक 500 रुपये प्रति मुर्गी का खर्च आएगा.
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