गाय-भैंस के फार्म से ही दूध की गुणवत्ता जांचने का काम शुरू हो जाता है. इतना ही नहीं फार्म में पशु का दूध दुहाने के दौरान दूध कहीं दूषित तो नहीं हुआ है इसकी जांच भी अब डेयरी कंपनियां पशु फार्म पर ही करने लगी हैं. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो दूध और डेयरी प्रोडक्ट की गुणवत्ता काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करती है कि दूध साफ-सुथरा है कि नहीं, कहीं पशु फार्म की गंदगी तो दूध में शामिल नहीं हो गई है. इसी को देखते हुए केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर साफ-सुथरा दूध उत्पादन करने से जुड़ी कुछ टिप्स दी हैं.
खास तीनों ही टिप्स पूरी तरह से पशु फार्म में गाय-भैंस के रखरखाव से जुड़ी हुई हैं. अच्छी बात ये है कि तीनों ही टिप्स को अपनाने पर पशुपालक की लागत भी भी कोई असर नहीं पड़ेगा. उल्टे पशुपालक अगर इन्हें अपनाते हैं तो पशुओं के बीच बीमारी फैलने की संभावनाएं भी न के बराबर रह जाएंगी.
मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर टिप्स जारी करते हुए कहा है कि अगर दूध और उससे बने प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाने के साथ ही बरकरार रखना है तो साफ-सुथरे तरीके से पशु फार्म में दूध उत्पादन करना होगा. इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि रोजाना ही खासतौर पर गर्मियों में पशुओं को नहलाया जाए. ऐसा करने से पशु संक्रमण से दूर रहेगा. जब संक्रमण नहीं होगा तो बीमारियां नहीं होंगी और दवाईयों का खर्च बच जाएगा. वहीं समय-समय पर गाय-भैंस के खुर कटवाते रहें. खुर कटते रहने से भी पशु संक्रमण से बचता है. खासतौर से खुरपका बीमारी पशुओं से दूर रहती है. तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बाड़े में पशु जहां बैठता और खड़ा होता है वहां उसका बिस्तर साफ रहे.
जैसे सर्दियों में रबर की मैट बिछाई गई है तो उसे हमेशा साफ रखें. गर्मियों में अगर कच्चे-पक्के फर्श पर पशु बैठता या खड़ा होता है तो उस जगह को भी अच्छी तरह से साफ करते रहें. गाय-भैंस की बैठने और खड़े होने वाली जगह भी अगर साफ रहती है तो तमाम तरह की बीमारियों का अटैक पशुओं पर नहीं होता है.
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