ONDC केन्द्र सरकार की कोशिश कर रही है कि किसानों और पशुपालकों की इनकम बढ़ जाए. इसके लिए कई तरह कोशिशें की जा रही हैं. इसी को देखते हुए सरकार ने किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने पर जोर दिया. सभी राज्यों में किसानों की सुविधा के लिए एफपीओ बनाए गए. साथ ही पशुपालकों को भी चार पैसे का फायदा हो इसके लिए मिल्क प्रोड्यूसर संगठन (MPO) बनाए गए. और इतना ही नहीं इन सभी को एक ही जगह बाजार देने के लिए सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी दिया गया.
देर से ही सही, लेकिन अब इसके नतीजे सामने आने लगे हैं. इस प्लेटफॉर्म की मदद से बड़ी-बड़ी कंपनियां एफपीओ और एमपीओ से संपर्क कर रही हैं. एक आंकड़े के मुताबिक हजारों की संख्या में एफपीओ और एमपीओ ने ओएनडीसी पर रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है. इसका फायदा ये हुआ कि अब बहुत सारे एफपीओ-एमपीओ बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
कृषि मंत्रालय की मानें तो बड़ी कंपनियों ने किसान संगठनों से सीधे खरीदारी शुरू कर दी है. इस ओर सबसे पहला कदम मदर डेयरी, बिग बास्केट, ओलम और ब्रिटानिया जैसी नामी कंपनियों ने उठाया है. ये एक ऐसा कदम है जो खरीद-फरोख्त करने वालों के बीच से बिचौलियों को खत्म करने का काम करेगा. अगर ओलम इंटरनेशनल कंपनी की बात करें तो इसने यूपी के हाथरस और बिहार के पूर्णिया, खगडि़या जिलों में जाकर सीधे एफपीओ से मक्का की खरीद की है.
वहीं मदर डेयरी, बिग बास्केट, ब्रिटानिया और कंट्री डिलाइट आदि कंपनियां किसान और पशुपालक समूहों के साथ खरीद करने की प्रक्रिदया पर काम कर रही हैं. मंत्रालय से जुड़े जानकारों का कहना है कि ये पहल बाजार के रास्ते खोल रही है. इससे किसान और कंपनी दोनों को ही फायदा मिलेगा. एक जानकारी के मुताबिक ओलम कंपनी ने तीन करोड़ रुपये का मक्का खरीदा है. वहीं एनसीसीएफ ने किसानों से सीधे 103 करोड़ रुपये के गेंहू की खरीद की है.
और ज्यादा कंपनियां सीधे एफपीओ से जुड़ें इसके लिए हर हफ्ते एक बेविनार का आयोजन किया जाता है. इसमे कंपनियों के साथ ही मंत्रालय से जुड़े अफसर भी होते हैं. साथ ही एफपीओ को भी आमंत्रित किया जाता है. जहां ओलम इंटरनेशनल, बिग बास्केट, ब्रितानिया, फ्लिपकार्ट, कंट्री डिलाइट, एनसीसीएफ, मदर डेयरी और सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम), कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), किसानों की सहकारी संस्था नेफेड और सेल्को फाउंडेशन सहित वस्तुओं के प्रमुख खरीदारों के साथ सीधी चर्चा हो चुकी है.
गौरतलब रहे ओएनडीसी के पास इस वक्त 8.5 हजार एफपीओ रजिस्टर्ड हैं. अहम बात ये है कि इस खरीद के दौरान कंपनियां राज्यों को मंडी शुल्क भी दे रही हैं. वहीं कंपनियों ने राज्यों से मांग की है कि किसानों की उपज को फायदा देने के लिए मंडी शुल्क माफ किया जाए.
ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभिन पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today