Sheep Grazing: 191 चेक पोस्ट और फोर्स से कंट्रोल की जाएंगी लाखों भेड़, जानें क्या है मामला 

Sheep Grazing: 191 चेक पोस्ट और फोर्स से कंट्रोल की जाएंगी लाखों भेड़, जानें क्या है मामला 

Sheep Movement मुख्य सचिव ने सभी जिलों में भेड़ों के झुंड के सफल संचालन के लिए राज्य के सभी अधि‍कारियों को निर्देश दिए हैं कि पशुपालकों और उनके परिवारों के लिए अस्थायी टेंट, शेड, राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए जाएं. वहीं 191 चैक पोस्ट पर पशुओं के लिए वैक्सीन और जरूरी दवाईयों का इंतजाम कर लिया जाए. 

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Sheep Grazing: 191 चेक पोस्ट और फोर्स से कंट्रोल की जाएंगी लाखों भेड़, जानें क्या है मामला खुले मैदान में चरतीं भेड़. फोटो क्रेडिट-किसान तक

Sheep Movement आने वाले कुछ दिन बाद लाखों की संख्या में भेड़ें सड़कों पर दिखाई देंगी. भेड़ों के साथ हजारों की संख्या में उनके पशुपालक भी होंगे. हर साल लाखों की संख्या वाले भेड़ों के झुंडों को कंट्रोल करने के लिए स्टेट लेबल पर तैयारी की जाती है. क्योंकि भेड़ों के चलते कई बार झगड़े के हालात बन जाते हैं. ट्रैफिक में भी रुकावट आती है. इसी को देखते हुए राजस्थान में भेड़ों को कंट्रोल करने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं. बेशक भेड़ों के सड़क पर आने में अभी वक्त है, लेकिन स्टेट से लेकर जिलास्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. तैयारियों को पूरा करने के लिए मुख्य सचिव से लेकर पुलिस और जिलास्तर पर प्रशासन तक सक्रिईय हो गया है. 

भेड़ों को कंट्रोल करने के लिए मुख्य तौर पर 191 चेक पोस्ट बनाने के साथ ही पुलिस फोर्स के साथ प्रशासन की टीम भी सड़कों पर उतारी जाती हैं. गौरतलब रहे बरसात का मौसम शुरू होने से पहले भेड़ पालक अपने-अपने झुंड लेकर आसपास के पहाड़ी इलाकों में निकल जाते हैं. भेड़ों के लिए हरे चारे का इंतजाम करने के लिए हर साल राजस्थान से बड़ी संख्या में भेड़ पालक भेड़ों को लेकर निकलते हैं. 

सड़कों पर इसलिए लगाई जाती है फोर्स

राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत एडवाइरी जारी करते हुए कहा है कि भेड़ों के सड़क पर उतरने के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग तथा जिला प्रशासन सक्रिय होकर काम करें और संवेदनशील जगहों पर पहले से ही अलर्ट होकर पुख्ता व्यवस्थाएं करें. शुक्रवार को मुख्य सचिव भेड़ों की साल 2025-26 के पूर्व तैयारियों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कई बार पशुपालकों की भेड़ें उनके रास्ते में पड़ने वाले किसानों के खेतों में घुस जाती हैं, जिससे खेत मालिक और भेड़ पालकों के बीच टकराव उत्पन्न हो जाता है.

इसलिए ऐसे हालात से बचने के लिए पुलिस विभाग और जिला प्रशासन पहले से अलर्ट हो जाए. साथ ही ये भी तय करें कि भेड़ पालक अपनी भेड़ों को लेकर उन्हीं रास्ते से गुजरें जो पहले से तय हैं. अगर किसी वजह से रूट बदला जाता है तो उसकी तैयारी भी समय रहते कर ली जाए. एंट्री पॉइंट तय कर लिए जाएं और वहां चेक पोस्ट बना दी जाएं. जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों की तैनाती कर दी जाए. इतना ही नहीं संवेदनशील जगहों को चिन्हि त कर भ्रमण करने वाली टोलियां तैयार कर ली जाएं. 

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