केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहानकेंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आय बढ़ाकर उनकी ज़िंदगी बदलने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. मध्य प्रदेश के रायसेन में एक किसान सेमिनार और प्रदर्शनी कार्यक्रम में बोलते हुए, चौहान ने किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन के महत्व पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि हमें किसानों की ज़िंदगी बदलनी है और इसके लिए हमें उनकी आय बढ़ानी होगी. केंद्रीय मंत्री ने नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के बारे में भी बात की, जो एशिया का एक प्रमुख संस्थान है और पशुपालन के ज़रिए किसानों की इनकम बढ़ाने की कोशिशों में मदद करता है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत सरकार का एक संस्थान है, जो डेयरी के क्षेत्र में एशिया का सबसे अच्छा संस्थान भी है, आय बढ़ाने का एक तरीका पशुपालन है. इस दौरान चौहान ने 500 किसानों को किट बांटे और उनके कौशल और आय को बढ़ाने के लिए पशुपालन में ट्रेनिंग दी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज पशुपालन के क्षेत्र में काम करने वाले 500 किसानों को एक किट दी जा रही है. उन्हें पशुपालन में ट्रेनिंग भी दी जा रही है. हमारा लक्ष्य आय बढ़ाने और दूसरी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए पशुपालन शुरू करना है ताकि लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके.
शिवराज ने पशुपालन के ज़रिए किसानों की आय बढ़ाने पर सरकार के फोकस पर ज़ोर दिया. उन्होंने कुछ उदाहरण दिए, जैसे- लाडली बहना योजना, जिसके तहत महिलाओं के बैंक खातों में सीधे पैसे भेजे जाते हैं, और किसान सम्मान निधि योजना, जिसके तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये दिए जाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हालांकि व्यक्तिगत इनकम बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाएं मददगार हैं, लेकिन लोगों को पोल्ट्री और दूसरे काम भी शुरू करने होंगे. उन्होंने कहा कि यह सेमिनार आपको सिखाएगा कि आप अपने जानवरों, जैसे गाय और मुर्गियों की देखभाल कैसे करें.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अब सिर्फ खेती से काम नहीं चलेगा और अपनी इनकम बढ़ाने के लिए आपको ये तरीके अपनाने होंगे. अगर कोई दूध डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में सीखना चाहता है, तो हम उन्हें ज़रूरी जानवर खरीदने के लिए बैंकों से जुड़ने में मदद करेंगे. कृषि मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सिर्फ पशुधन रखना ही काफ़ी नहीं है; किसानों को फ़ायदा उठाने के लिए पशुओं की देखभाल, टीकाकरण, चारे के मैनेजमेंट और बीमारियों की रोकथाम में विशेषज्ञता की ज़रूरत है. उन्होंने सेमिनार आयोजित करने और किसानों को जरूरी हुनर सिखाने के लिए धीर सिंह के नेतृत्व में नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की पहल की तारीफ़ की.
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