
बहुत तेजी से डेयरी सेक्टर के खिलाफ साजिश हो रही है. देश में लगातार डेयरी प्रोडक्ट के खिलाफ एजेंडा चलाया जा रहा है. डेयरी प्रोडक्ट को पशु क्रूरता से जोड़ा जा रहा है. पशुओं का हवाला देते हुए युवाओं को दूध पीने से रोका जा रहा है. बाजार में आ रहा मिलावटी दूध इस मामले में साजिशकर्ताओं को मदद कर रहा है. इसी का फायदा उठाकर ऐनालॉक प्रोडक्ट को डेयरी प्रोडक्ट से बेहतर बताया जा रहा है. दूध और दूध से बने प्रोडक्ट के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. डेयरी में जो प्रोडक्ट चल रहे हैं उन्हीं की नकल करते हुए ऐनालॉग प्रोडक्ट लाए जा रहे हैं.
दूध, दही-पनीर उसमे से कुछ खास प्रोडक्ट हैं. लोग ज्यादा से ज्यादा ऐनालॉग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें इसके लिए इन्हें सस्ता बनाया जा रहा है. लेकिन डेयरी एक्सपर्ट के मुताबिक क्वालिटी के मामले में ये प्रोडक्ट कमजोर हैं. इस मामले में पूर्व डेयरी और पशुपालन सेक्रेटरी अलका उपाध्याय भी जागरुक कर चुकी हैं. उनका कहना है कि डेयरी के मामले में हम वर्ल्ड लेवल पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि आज देश में दूध उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. दूध उत्पादन के मामले में वर्ल्ड लेवल पर हम पहले नंबर पर हैं. हमारी तैयारी उस लेवल की है कि कभी भी जरूरत के हिसाब से और उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. लेकिन अब जरूरत मिल्क एक्सपोर्ट की है. हमारी कोशिश एक्सपोर्ट करने की होनी चाहिए. एक्सपोर्ट की राह में आने वाली रुकावटों को दूर करने के लिए ही हम प्राथमिकता के आधार पर नौ राज्यों में एफएमडी-मुक्त (खुरपका और मुंहपका रोग) जोन बना रहे हैं, जहां इस बीमारी का असर बहुत कम यानि न के बराबर है. तैयारियों के हिसाब से हम साल 2028 तक ये जोन बना लेंगे.
एक्सपर्ट का कहना है कि सहकारी डेयरी आंदोलन को मजबूत करने में एनडीडीबी का बड़ा योगदान है और इस स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है. आज एनडीडीबी ने आठ करोड़ छोटे और सीमांत किसानों की जिंदगी को बदल दिया है. वहीं भारत के डेयरी विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता बढ़ी है और डेयरी अब कृषि जीवीए में 30 फीसद का योगदान देती है. हालांकि, मिलावट, असंगठित डेयरी प्रथाओं और दूध की खपत पर वैश्विक गलत सूचना अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं. उन्होंने विशेष रूप से एएमआर और नकली डेयरी विकल्पों जैसी चिंताओं के बीच दूध की गुणवत्ता, पता लगाने की क्षमता और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने की जरूरत पर दिया.
ये भी पढ़ें- मीट उत्पादन में 5वीं से 4 पोजिशन पर आया भारत, दूध-अंडे में पहले-दूसरे पर बरकरार
ये भी पढ़ें- जरूरत है अंडा-चिकन को गांव-गांव तक पहुंचाकर नया बाजार तैयार किया जाए-बहादुर अली
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today