राजस्थान में लंपी बीमारी से अब तक 76 हजार से अधिक पशुओं की मौत हुई है. ज्यादातर मौतें पश्चिमी राजस्थान में हुई हैं. सबसे अधिक मौतें जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर जिलों में हुई है. इन मौतों ने पशुपालकों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है. परेशान पशुपालक सरकार से कुछ उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया के विधानसभा में दिए एक बयान ने इनकी परेशानी और बढ़ा दी है. मंत्री ने कहा कि जिन पशुपालकों के पशुओं की मौत लंपी से हुई है, उन्हें और पशु खरीदने के लिए आसान दरों पर लोन देने की सरकार की कोई योजना नहीं है.
हालांकि पशुपालकों को उम्मीद थी कि सरकार उन्हें कुछ राहत देगी. लेकिन मंत्री के इस बयान ने उनकी उम्मीदों को ही खत्म कर दिया है. जैसलमेर के पशुपालक सुमेर सिंह कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में पशुपालन ही लोगों की आजीविका का साधन है. एक-एक घर में 20-20 पशुओं की मौत हुई है. लंपी के बाद अब तक लोग इससे उबर नहीं पाए हैं.
विधानसभा में दिए आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में अब तक 76030 पशुओं की मौत हुई है. इसमें जोधपुर में 4159, बाड़मेर 2847, जैसलमेर 982, जालौर 3235, पाली 2136, बीकानेर 2985, चूरु 3756, हनुमानगढ़ 3191, गंगानगर 4878 पशुओं की मौत हुई है.
वहीं, पूरे राजस्थान में 15,67,217 पशु संक्रमित हुए हैं. सबसे ज्यादा जोधपुर (115864), बाड़मेर (111204), जैसलमेर (41574), जालौर (67399), पाली (63298, बीकानेर (85706), चूरु (76302), हनुमानगढ़ (77331) और गंगानगर में (95236) पशु संक्रमित हुए हैं.
पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने विधानसभा में कहा कि लम्पी वायरस से बचाव के लिए राज्य सरकार ने जिलों में एक करोड़, छह लाख 46 हजार गौवंश का टीकाकरण किया गया है. मंत्री का दावा है कि जिन जिलों में लंपी नहीं फैला था, वहां बड़ी संख्या में टीकाकरण कर गौवंश को बचाया गया.
कटारिया ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में विधायकों के पूछे पूरक प्रश्नों के जवाब देते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टीकाकरण में केन्द्र और राज्य सरकार का 60 और 40 का अनुपात होता है. उन्होंने बताया कि विधानसभा के सदस्यों ने भी टीकाकरण के लिए करीब 13 करोड़ 52 लाख रुपये विधायक कोष से दिए गए, वहीं सांसदों द्वारा 80 लाख रुपये दिए गए.
इससे पहले पशुपालन मंत्री ने विधायक राजेन्द्र राठौड़ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि प्रदेश में लम्पी स्किन रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु गौवंशीय पशुओं में भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार गोट-पॉक्स वैक्सीन से माह दिसम्बर, 2022 तक कुल 106.46 लाख चिन्हित गौवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया गया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today