दूध को प्रोसेस कर मिल्क पाउडर बनाने के लिए मशहूर इंदौर दुग्ध संघ से डेयरी किसानों के जुड़ने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर इस यूनिट की मिल्क पाउडर बनाने की उत्पादन क्षमता को तीन गुना करने का फैसला किया गया है. राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इंदौर दुग्ध संघ के परिसर में मिल्क पाउडर बनाने का नया संयंत्र लगाया जा रहा है. स्थानीय डेयरी किसानों की सहकारिता से संचालित इंदौर दुग्ध संघ में स्थापित हो रहा नया संयंत्र, मध्य प्रदेश का सबसे अधिक उत्पादन क्षमता वाला मिल्क पाउडर संयंत्र होगा.
इंदौर दुग्ध संघ के हवाले से पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार 1982 से संचालित इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता 10 एमटीपीडी थी. अब इस संयंत्र की मिल्क पाउडर बनाने की क्षमता को बढ़ाकर 30 एमटीपीडी किया गया है.
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संघ की ओर से बताया गया कि पिछले 40 सालों से कार्यरत मौजूदा संयंत्र से मिल्क पाउडर बनाने की उत्पादन लागत 28 से 30 रुपये प्रति किग्रा आती है. नया संयंत्र शुरू होने के बाद यह लागत लगभग आधी होकर 15 से 18 रुपये प्रति किग्रा रह जाएगी. सहकारी संघ का दावा है कि मिल्क पाउडर के निर्माण से जुड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी टेट्रापैक द्वारा स्थापित किए जा रहे नए संयंत्र से न केवल उत्पादन लागत कम होगी बल्कि मिल्क पाउडर की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.
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मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि इंदौर दुग्ध संघ का नया संयंत्र जल्द काम करने लगेगा. पटेल ने कहा कि इंदौर दुग्ध संघ का यह संयंत्र मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के अन्य दुग्ध संघों के बचे हुए दूध अर्थात Surplus Milk से न्यूनतम लागत पर गुणवत्ता युक्त मिल्क पाउडर बना कर पूरे प्रदेश के दुग्ध संघों को तकनीकी सपोर्ट देगा.
उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के चालू होने से डेयरी किसानों के लिए दूध की मांग बढ़ेगी. इससे पशुपालकों काे दूध का उचित दाम भी मिलेगा और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों के लाभ और आय में इजाफा होगा.
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