Yamuna flood: आगरा में 45 साल के बाद यमुना नदी का पानी सड़कों तक पहुंचा, गांव में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

Yamuna flood: आगरा में 45 साल के बाद यमुना नदी का पानी सड़कों तक पहुंचा, गांव में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

यमुना नदी का जलस्तर राजधानी दिल्ली भले ही कम हो गया है लेकिन अभी भी आगरा, अलीगढ़ में नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आगरा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने 47 बाढ़ चौकियों की स्थापना की है. यमुना नदी के बड़े जलस्तर के चलते हाथी घाट कैलाश घाट ,पोइया घाट ,दशहरा घाट, बाह, फतेहाबाद, पिनाहट में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. गोकुल बैराज से 1 लाख क्यूसेक और ओखला बैराज से 2.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना में यह उफान देखा जा रहा है

आगरा में यमुना नदी ख़तरे के निशान को किया पार आगरा में यमुना नदी ख़तरे के निशान को किया पार
धर्मेंद्र सिंह
  • agra ,
  • Jul 17, 2023,
  • Updated Jul 17, 2023, 10:40 AM IST

यमुना नदी का जलस्तर राजधानी दिल्ली भले ही कम हो गया है लेकिन अभी भी आगरा, अलीगढ़ में नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आगरा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने 47 बाढ़ चौकियों की स्थापना की है. यमुना नदी के बड़े जलस्तर के चलते हाथी घाट कैलाश घाट ,पोइया घाट ,दशहरा घाट, बाह, फतेहाबाद, पिनाहट में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं. गोकुल बैराज से 1 लाख क्यूसेक और ओखला बैराज से 2.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना में यह उफान देखा जा रहा है. 24 घंटे के भीतर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. बढ़ते  जलस्तर को देखते हुए शहर के 10 आश्रय स्थलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. जिले में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाह इलाके के 38 गांव में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है.

यमुना (Yamuna) के बढ़ते जलस्तर से 38 गावों में दहसत का माहौल 

यमुना (Yamuna )में उफान को देखते हुए 38 गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. नदी के बढ़ते जलस्तर से शहर का मोक्ष धाम पानी में डूब चुका है. वहीं शहर की सड़कों तक पानी पहुंच चुका है. शहर की स्ट्रैची ब्रिज के नीचे यमुना का पानी तेजी से भरने लगा है. 1978 के बाद पहली बार सड़कों तक पानी पहुंचा है. यमुना नदी के किनारे बसे हुए गांव में लोग दहशत में हैं. रहन कला, गढ़पुरा, सीसिया, सुरेरा में यमुना का पानी खेतों में घुसने से फसल डूब चुकी है. वही बाहर इलाके के 38 गांवों के लोगों की नींद बढ़ते जलस्तर की वजह से उड़ चुकी है. इन गांव के कछार की फसल पूरी तरह से डूब चुकी है. वहीं खादर के निचले इलाकों के रास्तों पर यमुना का पानी भरा हुआ है.

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अलीगढ़ के टप्पल में बाढ़ जैसे हालात

अलीगढ़ जिले में यमुना में उफान के चलते एक दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. महाराजगढ़, शेरपुर ,नगला अमरसिंह में बाढ़ के चलते हालात बिगड़ चुके हैं. इन गांव को लोग छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं. बाढ़ के चलते अभी तक 6000 बीघा से ज्यादा धान, बाजरा की फसल डूब कर बर्बाद हो चुकी है. अब पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो गया है. इन प्रभावित गांव में संपर्क भी कट चुका है केवल नाव के जरिए ही लोग एक दूसरे स्थान पर जाने को मजबूर हैं. यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते महाराजगढ़ गांव की 20 से ज्यादा मकानों में दरारे आ गए हैं. वहीं बाढ़ के चलते तेज बहाव में गांव के 4 मवेशी भी बह गए हैं. 

 

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