सौराष्ट्र के कई हिस्सों में इस समय मौसम सुहाना मगर चिंता का विषय बना हुआ है. तटीय सौराष्ट्र में बेमौसमी बारिश से जहां आम जनता को राहत मिली है तो वहीं किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. यहां पर सोमवार को तेज हवाओं और धूल भरी आंधी के बाद बारिश हुई है. मौसम में यह बदलाव उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश में चक्रवाती परिस्थितियों की वजह से हुआ है. इसकी वजह से जनता को भीषण गर्मी से राहत मिली है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ आंधी-तूफान की वजह से बाजारों में रखी कई फसलों के नुकसान होने की आशंका है.
भावनगर मार्केट यार्ड के इनचार्ज सेक्रेटरी अरविंद चौहान ने कहा कि उन्होंने किसानों को अपनी फसल सुरक्षित करने की सलाह दी है. उन्होंने किसानों से कहा है कि वो तिरपाल या फिर प्लास्टिक शीट लाकर अपनी फसलों को सुरक्षित करें. मौसम विभाग की तरफ से अगले तीन दिनों तक राज्य के कई जिलों में हल्की बारिश की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग ने कहा है कि गर्म और उमस की स्थिति 17 मई तक सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय इलाकों में और मजबूत होगी.
यह भी पढ़ें-बड़ी खुशखबरी! इस बार समय से पहले आएगा मॉनसून, 10 जून तक केरल पहुंचने की संभावना
मौसम विभाग की मानें तो कुछ जगह पर बिजली कड़कने के साथ आंधी और बारिश हो सकती है. विभाग ने गुजरात क्षेत्र के अलावा दमन और दादरा नागर हवेली में बारिश की आशंका जताई है. साथ ही सौराष्ट्र के कुछ जिलों जिसमें सुरेंद्रनगर, राजकोट, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ और बोताद में मौसम बदलने की संभावना जताई है. सोमवार को राज्य के कृषि विभाग ने किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें किसानों को बेमौसमी बारिश से अपनी फसल को बचाने के लिए जरूरी उपाय अपनाने के लिए कहा गया है. गुरुवार तक ऐसी ही स्थिति रहने की आशंका है.
यह भी पढ़ें-मुंबई में आंधी-तूफान के साथ बारिश का कहर, होर्डिंग गिरने से 12 लोगों की मौत, 74 घायल
अमरेली और भावनगर जिलों में तेज हवा के साथ हल्की बौछार की संभावना जताई गई है. कुछ हिस्सों में बारिश के साथ ओले भी गिरे हैं. इस बीच, सौराष्ट्र क्षेत्र में दोपहर तक आसमान में बादल छा गए और 40-50 किमी प्रति घंटे की तेज गति से हवाएं चलीं. दो घंटे तक हुई बारिश में ही राजकोट में तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई और यह कई डिग्री नीचे गिर गया. इससे भीषण गर्मी में तप रहे लोगों को थोड़ी राहत मिली. अमरेली में लाठी तालुका के मैत्रीयाला गांव में ओलावृष्टि और तेज बारिश की वजह से कई जगहों पर पानी भर गया.