
भारत में पिछले कई दिनों से जहां दक्षिण में बारिश तो उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर की स्थिति देखने को मिल रही है. इस बीच, अब कुछ राज्यों में सेन्यार (Senyar) नाम के चक्रवाती तूफान का गंभीर असर देखने को मिल सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान सेन्यार (Senyar) स्ट्रेट ऑफ मलक्का (मलक्का जलडमरूमध्य) और उत्तर-पूर्व इंडोनेशिया के पास सक्रिय है और अगले कुछ घंटों तक इसी तीव्रता में बने रहने की संभावना है. इसके असर से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में आज भारी से बहुत भारी बारिश और 28-29 नवंबर को भारी बारिश हो सकती है.
इसी के साथ दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना वेल मार्क्ड लो प्रेशर सिस्टम अगले एक-दो दिनों में डिप्रेशन बनने की ओर बढ़ रहा है. इसके प्रभाव से तमिलनाडु में 26 नवंबर से 1 दिसंबर तक भारी से बहुत भारी बारिश और 29-30 नवंबर को कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी है.
मौसम विभाग के मुताबिक, तटीय आंध्र प्रदेश, यानम और रायलसीमा में 29-30 नवंबर को भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी है. समुद्र में कई क्षेत्रों में 70-90 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाएं चल रही हैं. इसके चलते इंडोनेशिया, मलेशिया, निकोबार, थाईलैंड, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम हिस्सों में मछली पकड़ने से जुड़ी गतिविधियों पर 28 से 30 नवंबर तक पूरी तरह रोक लगाई गई है.
बीते 24 घंटे में दिल्ली के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 1 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है. अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. आज सुबह कई इलाकों में उथला कोहरा और कुछ स्थानों पर मध्य कोहरा छाए रहने की संभावना है. वहीं, 28 नवंबर को आंशिक बादल छाए रहेंगे, जबकि तापमान में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है. इसके अलावा 29 नवंबर को अधिकतम तापमान 25-27 डिग्री और न्यूनतम 11-13 डिग्री तक पहुंच सकता है और उत्तर-पश्चिम से मध्यम गति से हवा चलेगी.
तमिलनाडु के कई जिलों में पिछले 24 घंटे में 7 से 10 सेमी तक बारिश दर्ज हुई है. केरल और माहे में आज भारी बारिश के आसार हैं. अंडमान-निकोबार में 26-28 नवंबर के दौरान 50-60 किमी प्रति घंटे तक के झोंके चल सकते हैं. उत्तर भारत में हिमाचल और मेघालय में घना कोहरा दर्ज हुआ है, जबकि पंजाब और झारखंड के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है. पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान की ओर सक्रिय है, जिसका असर अगले दो दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के तापमान पर दिखेगा. मध्यभारत, पूर्वी भारत और राजस्थान में रात के तापमान में फिलहाल बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है.
तमिलनाडु में धान, मूंगफली, कपास, सब्जी और केले के खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था तुरंत दुरुस्त करने की जरूरत है. भारी हवा की संभावना को देखते हुए केले और अन्य कमजोर तने वाली फसलों को सहारा देना जरूरी है.
वहीं, केरल में धान व मसाले की फसलों में ड्रेनेज मजबूत रखना अहम है. अंडमान-निकोबार में कटाई की गई धान को ऊंचे व सुरक्षित स्थान पर रखें और सब्जी नर्सरी को प्लास्टिक कवर से बचाएं.
इसके अलावा पशुपालक भारी बारिश के दौरान पशुओं को अंदर रखें और चुग्गा-चारे को सुरक्षित स्थान पर स्टोर करें. मत्स्य पालक तालाबों में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए आउटलेट साफ रखें ताकि मछलियां बाहर न निकलें.