इस बार मॉनसून समय से पहले ही केरल में दस्तक दे देगा. मौसम विभाग (आईएमडी) की तरफ से बुधवार को इस बाबत एक बड़ी जानकारी दी गईहै. आईएमडी कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून वर्तमान जलवायु पूर्वानुमानों के आधार पर 31 मई के आसपास केरल में दस्तक देगा. इस पूर्वानुमान में ± 4 दिनों का एरर मॉडल मार्जिन शामिल है. इस तरह से वास्तविक शुरुआत 27 मई और 4 जून, 2024 के बीच हो सकती है. केरल में मानसून के दस्तक देने की सामान्य तिथि 1 जून है. इससे पहले मौसम विभाग ने 10 जून तक मॉनसून के केरल पहुंचने का अनुमान लगाया था.
मॉनसून को लेकर आईएमडी के पूर्वानुमान और वास्तविक शुरुआत तिथि के पांच साल का डेटा सामने आया है. आईएमडी का दावा है कि केरल में मानसून की शुरुआत को लेकर उसने जो भी दावे किए हैं, उसमें से साल 2015 को अगर छोड़ दें, तो साल 2005 से लेकर अब तक के उसके सभी पूर्वानुमान सटीक रहे हैं. साल 2019 में आईएमडी ने मॉनसून के केरल पहुंचने की तारीख 8 जून बताई थी. वहीं 2020 में यह 1 जून, 2021 में 3 जून, 2022 में 29 मई और 2023 में 8 जून थी. दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तौर पर 1 जून को केरल में दस्तक दे देता इसके बाद तेज गति से यह उत्तर की ओर बढ़ता है. 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है.
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ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) स्थितियां भी इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल हो रही हैं. भारत मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी की थी. हाल ही में आईएमडी से मिली जानकारी के अनुसार अगले दो दिनों तक देश के दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में आंधी और बारिश जारी रहने की संभावना है. आईएमडी ने भारतीय प्रायद्वीप में 100 परसेंट से अधिक मॉनसून वर्षा का भी अनुमान लगाया है.
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आईएमडी के अनुसार, जून से सितंबर के बीच देश में मॉनसून वर्षा 'सामान्य से ऊपर' होने की संभावना है. आईएमडी पुणे के प्रमुख अधिकारी अनुपम कश्यपी ने 'इंडिया टुडे' को बताया कि मॉनसून अपनी सामान्य तिथि 22 मई से पहले, बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ेगा. पिछले साल, मॉनसून 96 परसेंट की सामान्य बारिश के मुकाबले 94.4 परसेंट पर 'सामान्य से नीचे' रहा था. कम बारिश के कारण महाराष्ट्र के कई हिस्सों में इस समय सूखे के हालात हैं. राज्य में पीने के पानी से लेकर खेती के पानी तक पानी की भारी कमी है. ऐसे में अधिक बारिश किसानों के लिए अच्छी खबर ला सकती है.