देशभर में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. कहीं भारी से लेकर अति भारी बारिश हो रही है तो कहीं उमस भरी गर्मी का सितम है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने ताजा मौसम पूर्वानुमान जारी किया है. मौसम विभाग के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना बनी हुई है. पश्चिम मध्य और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में गहरी निम्न दाब प्रणाली के प्रभाव से आज 2 अक्टूबर को छत्तीसगढ़, ओडिशा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और कुछ जगहों पर अति भारी वर्षा होने की संभावना है.
5-7 अक्टूबर को कई राज्यों में होगी बारिश
बिहार में 3 और 4 अक्टूबर को भारी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही एक नई पश्चिमी विक्षोभ प्रणाली 5 से 7 अक्टूबर के बीच उत्तर-पश्चिम भारत में भारी से बहुत भारी बारिश की स्थिति उत्पन्न कर सकती है, जिसमें 6 अक्टूबर को चरम तीव्रता देखने को मिलेगी. विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में विभिन्न निम्न दाब क्षेत्रों के कारण बारिश का सिलसिला जारी रहेगा.
साथ ही, केंद्रीय उत्तर प्रदेश, उत्तर-पश्चिम राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवातीय गतिविधियां बनी हुई हैं. इन परिस्थितियों के कारण पूर्व और मध्य भारत, दक्षिणी प्रायद्वीप, उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भारत में अलग-अलग समय पर भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है. ऐसे में मौसम विभाग के डिविजन एग्रोमेट ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है, ताकि वे अपनी फसलों और पशुधन की सुरक्षा कर सकें.
छत्तीसगढ़ के किसानों को सलाह
- धान, अरहर, उडद, मक्का और सोयाबीन के खेतों में पर्याप्त जल निकासी करें.
- काटी गई उपज को सुरक्षित स्थान पर रखें.
ओडिशा के किसानों को सलाह
- धान, मक्का, सब्जियां और बागानों में अतिरिक्त जल निकासी सुनिश्चित करें.
- सब्जियों के नर्सरी को प्लास्टिक या पॉलीथीन शीट से ढकें.
- तेज हवाओं के दौरान पौधों को सहारा दें
तटीय आंध्र प्रदेश और यनम
- धान, मक्का, अरहर, उरद, कपास, गन्ना, मूंगफली, हल्दी, सब्जियों और फलो के बागानों में जल निकासी सुनिश्चित करें.
- नारियल, अरेका, केला, कॉफी और काली मिर्च के पौधों को सुरक्षित स्थान पर रखें.
- तेज हवाओं से बचाने के लिए पौधों को सहारा दें
पूर्वी मध्य प्रदेश के किसान ये काम करें
- मक्का और सोयाबीन की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखें.
- धान, सोयाबीन, मक्का और सब्जियों के खेतों से जल निकासी की व्यवस्था बनाएं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एडवाइजारी
- पके मक्का की तुरंत कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखें.
- धान, मक्का और सब्जियों के खेतों से जल निकासी करें.
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बिहार के किसानों को सलाह
- धान, मक्का और सब्जियों के खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें.
- पानी जमा होने से बचने के लिए खेतों का लगातार निरीक्षण करें.
झारखंड में इन फसलों की देखभाल करें किसान
- धान, मक्का, बाजरा और दालों के खेतों में अतिरिक्त जल निकासी करें
- फसल और हार्वेस्ट किए गए उत्पाद सुरक्षित स्थान पर रखें
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल
- इलायची, मिर्च और कीवी के पके फलों की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखें.
- धान, उड़द, मूंग, अदरक, सब्जियों और बागानों में जल निकासी सुनिश्चित करें.
गांगेय पश्चिम बंगाल के किसानों ये सलाह
धान, मूंगफली, सब्जियों और पान के बागानों से जल निकासी सुनिश्चित करें.
अरुणाचल प्रदेश
- पके धान, मक्का, सब्जियों और बाजरा की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर रखें.
- मटर और पत्ता गोभी के खेतों में जल निकासी सुनिश्चित करें.
असम
- धान, उड़द, मूंग और सब्जियों के खेतों से अतिरिक्त जल निकासी करें.
- भारी वर्षा के दौरान गोभी की बुआई और फूलगोभी का रोपण टालें.
पशु पालन एवं मत्स्य पालन
- पशुओं को शेड में रखें और संतुलित आहार दें.
- चारा सुरक्षित स्थान पर रखें.
- तालाबों में अतिरिक्त जल निकासी सुनिश्चित करें, ताकि मछली बाहर न निकलें.
(सभी प्रभावित राज्यों में लागू)