Bihar Weather News: बिहार में ठंड का कहर जारी, लीची और आम में बढ़ा इन रोगों का प्रकोप

Bihar Weather News: बिहार में ठंड का कहर जारी, लीची और आम में बढ़ा इन रोगों का प्रकोप

27 जनवरी तक कड़ाके की ठंड से राज्य के लोगों को नहीं मिलेगी राहत. गन्ना, शकरकंद और सूरजमुखी की खेती शुरू कर दें किसान. आम और लीची में मंजर आने से पहले कीटों के खात्मे के लिए करें दवा का छिड़काव. इन उपायों से रबी फसलों को मिल सकती है सुरक्षा.

बिहार में ठंड का कहर जारी, लीची और आम में बढ़ा इन रोगों का प्रकोपबिहार में ठंड का कहर जारी, लीची और आम में बढ़ा इन रोगों का प्रकोप
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Jan 24, 2024,
  • Updated Jan 24, 2024, 2:14 PM IST

बिहार में लगातार घना कोहरा और शीत दिवस का असर देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले 27 जनवरी तक ठंड का कहर जारी रहने वाला है. इस दौरान राज्य के उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण मध्य बिहार के कुछ भागों में शीत दिवस होने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम, उत्तर मध्य, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण मध्य भागों में घना कुहासा छाए रहने की संभावना है. इसको लेकर येलो अलर्ट घोषित किया गया है. वहीं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने साप्ताहिक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि यह समय गन्ना और शकरकंद की रोपाई करने का सही समय है. इसके साथ ही आम और लीची में मंजर आने की संभावना बढ़ जाती है. इस दौरान बगीचे में पेड़ों के साथ छेड़छाड़ करने की जरूरत नहीं है.  

बता दें कि राज्य में नए साल के दूसरे सप्ताह से ही कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं मौसम विभाग की ओर से आने वाले चार से पांच दिनों तक इसी तरह ठंड का असर जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई है. वहीं मोतिहारी में राज्य का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बांका में न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 

ये भी पढ़ें- समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिलेगा भारत रत्न, सादगी और ईमानदारी के थे मिसाल

जनवरी के महीने में इन फसलों की करें खेती 

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिक के अनुसार जो किसान बसंतकालीन गन्ना, सूरजमुखी और शकरकंद की खेती करना चाहते हैं, वे इस दौरान खेती कर सकते हैं. वहीं भोजपुरी कृषि विज्ञान केंद्र के हेड डॉ प्रवीण कुमार द्विवेदी कहते हैं कि जिन इलाकों में अभी ठंड का कहर जारी है वहां थोड़ा सामान्य मौसम होने के बाद इनकी खेती करें क्योंकि अधिक ठंड के दौरान अंकुरण नहीं होने की समस्या बनी रहती है. बसंतकालीन गन्ना, सूरजमुखी, शकरकंद की खेती किसान मार्च तक कर सकते हैं. इन फसलों की खेती करने से पहले खेतों की तैयारी किसान शुरू कर दें. 

ये भी पढ़ें-Success Story: कैंसर को मात देकर शुरू की खुद की कंपनी, फूड सेक्टर में सोनल ने बनाया बड़ा नाम

आम और लीची में मंजर आने से पहले करें उपचार

बिहार में लीची और आम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इस समय आम और लीची में मंजर आने की संभावनाएं अधिक रहती हैं. इस दौरान किसान अपने आम और लीची के बागानों में ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करें. अगर कुछ बागानों में दीमक की समस्या हो, तो वहां क्लोरपाईरिफास 20 ई.सी ढाई मिलीलीटर प्रति एक लीटर पानी में घोल बनाकर मुख्य तने और उसके आसपास की मिट्टी में छिड़काव करें. इससे दीमक की उग्रता में कमी आएगी. वहीं इस दौरान मधुआ और दहिया कीटों का प्रकोप भी देखने को मिलता है. इसके इलाज के लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर दवा का छिड़काव करें. वही मटर में फली छेदक टिक की निगरानी करते रहें. साथ ही प्याज की फसल में थ्रिप्स किट की निगरानी भी करें. 

MORE NEWS

Read more!