
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 26 और 27 फरवरी को मौसम ने किसानों पर जमकर कहर बरपाया. यूपी में बुंदेलखंड और एमपी में भोपाल, नर्मदापुरम और मालवा अंचल में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. आलम यह रहा कि यूपी में बुंदेलखंड, कानपुर और आगरा क्षेत्र में Hailstorm ने Rabi Crops के अलावा Horticulture crops को खासा नुकसान पहुंचाया है. वहीं एमपी में ओले भले ही न पड़े हों, मगर तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल पूरी तरह से खेतों में गिर गई है. ऐसे में मौसम की मार से खराब हुई फसलों का मुआवजा किसानों को देने के लिए दोनों राज्यों की सरकार ने कवायद तेज कर दी है. यूपी में किसानों ने Helpline Number पर फसल खराब होने की सूचना, शासन को देना प्रारंभ कर दिया है. वहीं एमपी में सीएम डॉ. मोहन यादव ने किसानों को खराब हुई फसल का पूरा मुआवजा देने का भरोसा दिया है.
एमपी में सिवनी जिले के किसान जितेंद्र साहू ने अपनी व्यथा किसान तक से साझा करते हुए बताया कि उनके 10 एकड़ खेत में गेहूं की फसल पकने की अवस्था में थी. ऐसे में 26 फरवरी की रात को अचानक तेज हवा चलने लगी. सुबह के समय बारिश भी हो गई. इससे पूरी फसल जमींदोज हो गई. किसान महापंचायत की एमपी इकाई के अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने बताया कि राज्य में होशंगाबाद, नर्मदापुरम, भोपाल, विदिशा और सागर संभाग में मौसम की मार से किसानों का भारी नुकसान हुआ है.
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वहीं लखनऊ से लेकर पश्चिमी यूपी में आगरा तक आम की फसल में बौर आने लगा था. ऐसे में मौसम खराब होने से आम के पेड़ों से बौर को काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा नींबू वर्गीय फलों के पेड़ों में भी इन दिनों Flowering Stage चल रही है. इससे खराब मौसम के कारण इन पेड़ों के फूल भी झड़ गए हैं.
सिंह ने बताया कि इस समय मैदानी इलाकों में गेहूं की बालियों में दाने पड़ गए हैं. इसलिए अंतिम दौर की सिंचाई चल रही थी. ऐसे में अचानक मौसम का रुख पलटने से किसानों को संभलने का मौका नहीं मिला और पौधे वजनदार होने के कारण हवा के तेज झोंके के आगे टिक कर खड़े नहीं रह सके.
किसानों का कहना है कि अगर फसल में सिंचाई होने से एक दिन पहले या एक दिन बाद भी मौसम खराब होता, ताे भी फसल इस तरह से नष्ट न होती. वहीं फसल में गेहूं का दाना आने से पहले मौसम के इस रुख से फसल गिरने के बाद पौधे खड़े हो जाते. लेकिन अब मिट्टी में नमी होने और पौधों में वजन होने के कारण पौधे अब दोबारा खड़े नहीं हो सकते हैं. मतलब साफ है कि जमींदोज हो चुकी फसल अब किसानों के लिए व्यर्थ हो गई है.
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यूपी की योगी सरकार ने फसलों को नुकसान वाले इलाकों में कृषि और राजस्व विभाग को फसल सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है. इस बीच किसानों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. यूपी सरकार की ओर से जारी किए गए फसल बीमा Toll Free Helpline Number 18008896868 पर किसान कॉल करके जिला प्रशासन को फसल के नुकसान की जानकारी दे सकते हैं.
सिंह ने बताया कि अकेले झांसी जिले में ही पहले दिन 95 किसानों ने फसल नष्ट होने की जानकारी दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि किसानों एवं अन्य स्रोतों से मिल रही जानकारी के आधार पर सर्वे का काम प्रारंभ कर दिया गया है.
वहीं एमपी में सीएम डा यादव ने राज्य के किसानों के नाम संदेश जारी करके कहा है कि मौसम की मार से पीड़ित किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में खराब मौसम के कारण किसानों की फसलें नष्ट हुई हैं, उनमें सर्वे का काम करके रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. अधिकारियों से यह काम अति शीघ्र पूरा करने को कहा गया है. किसानों की फसल का खराब हुए हर दाने का मुआवजा मिलेगा.