पानी में तैर रहा गेहूं और सरसों, बोरियों के नीचे पहुंचा पानी, अधिकारियों ने पल्ला झाड़ा

पानी में तैर रहा गेहूं और सरसों, बोरियों के नीचे पहुंचा पानी, अधिकारियों ने पल्ला झाड़ा

मौजूदा रबी सीजन में चरखी दादरी जिला की अनाज मंडियों में सरसों और गेहूं की बंपर आवक हुई है. मंडी में आवक अधिक होने के कारण सरसों और गेहूं की ढेरियां लगी हैं तो कहीं सड़कों पर अनाज पड़ा है. हालांकि अब सरकारी खरीद बंद हो चुकी है. वहीं गेहूं और सरसों की आवक अधिक और उठान धीमी गति से होने के कारण हजारों क्विंटल अनाज खुले में पड़ा है. जो देर रात और अल सुबह तेज आंधी और बारिश आने के कारण भीग गया है और अनाज खराब होने का भी अंदेशा है.

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प्रदीप साहू
  • Charkhi Dadri,
  • May 02, 2025,
  • Updated May 02, 2025, 8:30 PM IST

हरियाणा के चरखी दादरी में देर रात तेज आंधी के साथ आई बारिश के कारण अनाज मंडी में खुले में रखा गेहूं और सरसों का हजारों क्विंटल अनाज बारिश की भेंट चढ़ गया है. बारिश में भीगने के कारण फसल के खराब होने का अंदेशा है जिससे किसानों और आढ़तियों को नुकसान उठाना पड़ेगा. समय पर उठान नहीं होना ही नुकसान का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. आढ़तियों को नोटिस जारी करने के बाद भी अनाज भीगने पर मंडी प्रशासन द्वारा किए गए पुख्ता दावों की पोल खुल गई है. वहीं मंडी अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए अनाज को सुखाकर गोदामों में भेजने की बात कही है.

बता दें कि मौजूदा रबी सीजन में चरखी दादरी जिला की अनाज मंडियों में सरसों और गेहूं की बंपर आवक हुई है. मंडी में आवक अधिक होने के कारण सरसों और गेहूं की ढेरियां लगी हैं तो कहीं सड़कों पर अनाज पड़ा है. हालांकि अब सरकारी खरीद बंद हो चुकी है. वहीं गेहूं और सरसों की आवक अधिक और उठान धीमी गति से होने के कारण हजारों क्विंटल अनाज खुले में पड़ा है. जो देर रात और अल सुबह तेज आंधी और बारिश आने के कारण भीग गया है और अनाज खराब होने का भी अंदेशा है. मार्केट कमेटी के सचिव विजय कुमार ने माना कि उठान धीमी गति से हुआ है जिसके चलते बड़ी मात्रा में अनाज खुले में पड़ा है. 

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बारिश में भीगा गेहूं, भारी नुकसान

वहीं उन्होंने कहा कि खराब मौसम के चलते बारिश की संभावना को देखते हुए आढ़तियों को पहले ही आगाह कर दिया गया था कि वे अनाज को ढकने के लिए तिरपाल आदि का प्रबंध करें. उन्होंने कहा कि आढतियों को निर्देश दिए गए हैं कि अनाज को सुखाकर ही बैगों में भरें. वहीं अनाज से बैगों को लकड़ियों की कैरेट पर रखें और सूखने के बाद ही गोदामों में भेजा जाएगा.

दूसरी ओर, झज्जर अनाज मंडी में खुले में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं और सरसों खराब हो गई है. बरसात की वजह से 5 से 7 करोड़ रुपये का आढतियों को नुकसान होने का अनुमान है. आढतियों का कहना था कि मौसम विभाग ने पहले से ही इस बात की भविष्यवाणी भी कर रखी थी, लेकिन उसके बावजूद प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि झज्जर अनाज मंडी में केवल वही फसल बची है जो कि तीन साइड के नीचे पड़ी हुई थी. बाकी सारा का सारा खुले में पड़ा हजारों क्विंटल गेहूं बरसात के पानी में बुरी तरह भीग गया जिसका सीधे रूप से नुकसान आढ़तियों को होना बताया गया है.

प्रशासन की लापरवाही से नुकसान

उन्होंने कहा कि लापरवाही का इससे ज्यादा प्रमाण और क्या होगा कि जो सूखा गेहूं था उसे भी बहानेबाजी लगाकर गोदाम से वापस भेज दिया गया. लापरवाही से ही आढ़तियों का नुकसान हुआ है और सरकार को चाहिए कि इस मामले में हस्तक्षेप कर भरपाई करें.

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उधर जींद की अनाज मंडी में आढ़ती ने बताया कि कल रात की बारिश से चार लाख गेहूं की बोरियों में पानी आ गया और गेहूं की बोरिया भीग गईं. प्रशासन ने कोई भी व्यवस्था नहीं करवाई थी. अगर अनाज मंडी में शेड बनी होती तो यह गेहूं उसी के नीचे रखा जाता जिससे आढ़तियों को करोड़ों रुपये का नुकसान नहीं होता. अब पानी को निकालने के लिए टल्लू पंप का सहारा लिया जा रहा है लेकिन गेहूं भीग चुका है और आढ़तियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.

 

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