Hydroponics Farming: गांव में हमें आज भी दूर-दूर तक खेत दिखाई देते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हर जगह शहरीकरण हो रहा है वैसे-वैसे खेती भी कम होती जा रही है. शहरों में जगह की कमी के कारण लोग खेती के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिनकी मदद से कम जगह में ही फार्मिंग कर काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है. जहां पेशे से एक पत्रकार ने नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक फार्मिंग के तरफ कदम बढ़ाया. रामवीर सिंह के पास खुद का खेत नहीं था तो अपने घर को ही वर्टिकल फार्म में तब्दील कर दिया. हाइड्रोपॉनिक तकनीक से खेती शुरू करने वाले रामवीर सिंह ने किसान तक से बातचीत में बताया कि आज उनका सालाना टर्नओवर 70 लाख रुपये के करीब है. आइये जानते हैं सफल किसान रामवीर सिंह की सफलता की कहानी, जो बरेली और उसके आसपास के जिले के किसानों को एक बड़ा संदेश दे रहे हैं.
बरेली के रहने वाले रामवीर सिंह ने बताया कि मेरी दोस्त के चाचा को कैंसर की बीमारी हो गई थी. कारण जानने पर पता चला कि ये कैमिकल वाली जहरीली सब्जियां खाने से हुआ है. फिर मुझे भी अपने परिवार की सेहत को लेकर चिंता होने लगी और खुद परिवार की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हुए खेती करने का मन बनाया. रामवीर ने आगे बताया कि वह अपने पैतृक घर बरेली वापस आ गये और 2016 में हाइड्रोपॉनिक खेती शुरू कर दी.
रामवीर ने बताया कि इस तकनीक से सब्जियां-फल उगाने के लिए मिट्टी की कोई जरूरत नहीं होती और कीट-रोगों का भी खतरा नहीं रहता. पूरी तरह से पानी पर आधारित ये तकनीक साधारण खेती की तुलना में करीब 90 फीसदी तक पानी बचाती है. उन्होंने कहा कि हम सीजनल सभी तरह की सब्जियों को अपने घर में उगाते है. काम आगे बढ़ा तो हमारे दो फर्म हाऊस में सब्जियों की खेती की जा रही है. आज रामवीर सिंह के तीन मंजिला मकान में कई किस्म की सब्जियों के पौधों हैं, जिनसे फुली ऑर्गेनिंक प्रॉडक्शन मिल रहा है.
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उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में गोभी, लौकी, पालक, मेथी, हरी धनियां, हरी मिर्च समेत कई किस्म के पौधे लगे हुए है. रामवीर ने आगे बताया कि शुरुआत के दिनों में हम इन सब्जियों की खेती खुद के खाने के लिए करते थे, लेकिन जब इसकी डिमांड बढ़ी तो इसका विस्तार किया. आज बड़े पैमाने पर हरी सब्जियों की खेती हम कर रहे हैं. जिससे हमारा सालाना टर्नओवर 70 लाख रुपये के करीब है.
वह भिंडी, मिर्च, शिमला मिर्च, लौकी, टमाटर, फूलगोभी, पालक, पत्तागोभी, स्ट्रॉबेरी, मेथी और हरी मटर की खेती करते हैं. मैं अपनी सभी मौसमी सब्जियां उगाने के लिए हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करता हूं. रामवीर सिंह मुख्य रूप से पौधों तक पोषक तत्वों से भरपूर पानी पहुंचाने के लिए पीवीसी पाइप का उपयोग करते हैं. पीवीसी पाइपों का उपयोग करके डिज़ाइन किया गया सिस्टम गुरुत्वाकर्षण की मदद से पानी प्रसारित करता है. यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि लगभग 16 पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम, तांबा, फास्फोरस, नाइट्रोजन, जस्ता और अन्य प्रत्येक पौधे को समान रूप से वितरित किए जाते हैं, उन्होंने आगे कहा मेरे फार्म का नाम विम्पा ऑर्गेनिक एंड हाइड्रोपोनिक्स है.
रामवीर ने बताया कि वो देश-विदेश में जाकर किसानों को हाइड्रोपॉनिक तकनीक पर आधारित खेती करने की टिप्स देते हैं. बीते दिनों वो दुबई और कंबोडिया से बुलावा आया था, जहां उन्होंने किसानों को इस तकनीक पर खेती करने की सलह दी. सिंह ने बताया कि देश के अलग-अलग शहरों में मुझे बुलाया जाता है. उन्होंने कहा कि मैंने न्यूटरियंट फिल्म तकनीक (एनएफटी) और डीप फ्लो तकनीक (डीएफटी) का उपयोग करके खेती के लिए दो तरीके स्थापित किए. वे कहते हैं वर्तमान में फार्म 750 वर्ग मीटर की जगह में फैला हुआ है, जिसमें 10 हजार से अधिक पौधे हैं. वह भिंडी, मिर्च, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, मेथी और हरी मटर उगाते हैं. रामवीर ने बताया मैं हाइड्रोपोनिक्स के साथ सभी मौसमी सब्जियां उगाता हूं. बता दें कि बरेली से करीब 40 किलोमीटर दूर रामवीर का एक खेत भी है.