अगरबत्ती उद्योग से जुड़कर बिहार के रहने वाले 34 वर्षीय मंटू कुमार काफी खुश हैं. वे इस उद्योग को केवल आय का साधन ही नहीं मान रहे हैं, बल्कि उनका कहना है कि इस उद्योग ने उन्हे गलत संगतियों से भी मुक्ति दिलाई है. समय रहते अगर मैं इस उद्योग से नहीं जुड़ा होता, तो जिंदगी एक अलग ही दिशा में निकल गई होती, जो काफी मुश्किलों से भरा होता. बीती हुई बातों को भूलकर वर्तमान के साथ कदम से कदम मिलाकर उज्जवल भविष्य की पटकथा लिख रहे मंटू कुमार बिहार की राजधानी पटना से करीब 120 किलोमीटर दूर गया जिले के रहने वाले हैं. ये और इनके साथी मो मुज़म्मिल हुसैन पिछले करीब 6 सालों से इस उद्योग से जुड़े हुए हैं. इससे महीने का सभी खर्च काटकर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की शुद्ध कमाई कर रहे हैं.
मंटू और उनके साथी मो. मुज़म्मिल हुसैन अगरबत्ती उद्योग के बारे में कहते हैं कि यह उद्योग किसानों की आय को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है. साथ ही राज्य से बाहर नौकरी करने जा रहे लोगों के पलायन को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है. मंटू कुमार गया जिले के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर अगरबत्ती उद्योग से जुड़कर खुद के साथ कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
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मंटू कुमार किसान तक से बात करते हुए बताते हैं कि 2012 में ग्रेजुएशन करने के बाद दो से तीन साल तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली. उसी दौरान उनका गलत लोगों के साथ उठना बैठना भी शुरू हुआ. लेकिन समय रहते संभल गए. उसके बाद 2015 में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर अगरबत्ती उद्योग शुरू किया. आज अपनी मेहनत के बल पर खुद आत्मनिर्भर होने के साथ करीब 10 लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 20 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहा हूं. आगे कहते हैं कि ये हर रोज करीब पांच क्विंटल तक अगरबत्ती तैयार करते हैं. प्रतिदिन चार से पांच हजार रुपये तक सभी खर्च काटकर शुद्ध कमाई हो जाती है. इसके साथ ही वे आरसेटी से जुड़कर अगरबत्ती, मोमबती, पेपर बैग से जुड़े प्रशिक्षण अन्य लोगों को भी दे रहे हैं.
मंटू कुमार कहते हैं कि अगरबत्ती बनाने में फूल, लेमन ग्रास और बांस की जरूरत होती है. इन सभी का उत्पादन किसान करते हैं. अगर वे छोटे स्तर पर अगरबत्ती का उद्योग शुरू करते हैं, तो वे फूल की खेती से कमाई करेंगे. इसके साथ ही सूखे हुए फूलों का पाउडर बनाकर अपने अगरबत्ती उद्योग में अलग-अलग तरह के सुगंधित अगरबत्ती तैयार करके बेच सकते हैं. इसके साथ ग्रामीण क्षेत्र के युवा बड़े शहरों में दस से बीस हजार की नौकरी के लिए जा रहे हैं. वैसे युवा एक से डेढ़ लाख की लागत से इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं.