Cauliflower Farming: 15 कट्ठे में फूलगोभी की खेती, सीजन में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई

Cauliflower Farming: 15 कट्ठे में फूलगोभी की खेती, सीजन में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई

Success Story: अररिया के किसान श्याम सुंदर 15 कट्ठे में फूलगोभी की खेती करते हैं. इससे उनको डेढ़ से 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है. फूलगोभी की फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है. फूलगोभी की खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी सबसे अच्छी होती है. मिट्टी का पीएच 6-7 होनी चाहिए. मिट्टी का पीएच बढ़ाने के लिए उसमें चूना डाला जा सकता है. जून से नवंबर तक फूलगोभी की बिजाई की जाती है.

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क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Jan 30, 2025,
  • Updated Jan 30, 2025, 6:28 PM IST

खेती-किसानी अब मुनाफा का व्यवसाय बन गया है. कई लोग खेती को रोजगार के तौर पर कर रहे हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे ही एक किसान बिहार के अररिया जिले के हैं, जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. सरकारी नौकरी के लिए तैयारी की. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने प्राइवेट नौकरी करने की बजाय खेती करना ज्यादा बेहतर समझा. अब वो फूलगोभी की खेती से सीजन में लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.

15 कट्ठा में खेती, डेढ़ लाख की कमाई-

संग्रामपुर गांव के रहने वाले किसान श्याम सुंदर 15 कट्ठा में फूलगोभी की खेती की. अब तक इस खेती से उनको 1.5 लाख रुपए की कमाई हो चुकी है. जबकि अभी भी खेत में फूलगोभी के पौधे लगे हुए हैं. उनको उम्मीद है कि 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाएगी. फूलगोभी की फसल 90 दिनों में तैयार हो जाती है. हिंदी न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्याम सुंदर बताते हैं कि फूलगोभी से बढ़िया कमाई होती है. 15 कट्ठा खेती से 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.

कैसे आया खेती का आइडिया-

किसान श्याम सुंदर कुमार बिहार के अररिया जिले के संग्रामपुर गांव के रहने वाले हैं. श्याम सुंदर ने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. उनका कहना है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने सरकारी नौकरी की तैयारी की. लेकिन सरकारी नौकरी नहीं मिली. इसके बाद वो गांव आ गए. उन्होंने प्राइवेट नौकरी से अच्छा खेती को समझा. श्याम सुंदर ने खेती का फैसला किया. हालांकि उन्होंने पारंपरिक खेती की जगह सब्जी की खेती का फैसला किया. सब्जी की खेती से श्याम सुंदर को अच्छी-खासी कमाई होती है.

कैसे होती है फूलगोभी की खेती-

फूलगोभी की खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी सबसे अच्छी होती है. मिट्टी का पीएच 6-7 होनी चाहिए. मिट्टी का पीएच बढ़ाने के लिए उसमें चूना डाला जा सकता है. मिट्टी को अच्छी तरह से जुताई करके समतल करना चाहिए. रोपाई से पहले खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद या सिंथेटिक उर्वरक डालना चाहिए.

जून से नवंबर तक फूलगोभी की बिजाई की जाती है. अगेती किस्मों के लिए जून-जुलाई रोपाई के लिए सबसे बेहतर समय है. जबकि पिछेती किस्मों के लिए अगस्त से नवंबर के पहले हफ्ते तक बेहतर समय होता है.

फूलगोभी के बीजों को 1-2 सेमी की गहराई तक रोपना चाहिए. बिजाई के लिए डिबलिंग विधि और रोपण विधि का इस्तेमाल किया जाता है. नर्सरी में बीजों को बोने के 25-30 दिन बाद पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.

बीजों की रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई करें. गर्मियों में 7-8 दिनों के अंतराल और सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए.

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