किसान अब परंपरागत खेती की जगह मुनाफे वाली खेती अपना रहे हैं. इसमें सरकार की मदद भी मिल रही है. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक किसान ने धान और गेहूं की खेती छोड़कर केले की खेती शुरू की. इससे उनको काफी मुनाफा हो रहा है. उनकी खेती से दूसरे किसान भी प्रभावित हो रहे हैं और केले की खेती का रुख कर रहे हैं.
किसान करुणाशंकर मिश्रा सुल्तानपुर जिले के रामपुर बबुवान गांव के रहने वाले हैं. उनकी फैमिली हमेशा से धान-गेहूं की परंपरागत खेती करती थी. लेकिन करुणाशंकर ने इस ट्रेंड को बदलने की कोशिश की. उन्होंने धान-गेहूं की खेती की जगह केले की खेती का फैसला किया. शुरुआत में तमाम दिक्कतें आई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने केले की खेती की. जिससे उनको अच्छा-खासा फायदा हुआ. अब करुणाशंकर 5 बीघे में केले की खेती करते हैं. इसमें वो 1700 के करीब केले के पौधे लगाते हैं. इस खेती में उनको एक लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन इससे मुनाफा 5 लाख रुपए तक होता है.
केले के पौधे को लगाने का सबसे बेहतरीन समय जुलाई का महीना होता है. केले के पौधों को तैयार होने में 13 से 14 महीने लगते हैं. इसके बाद ये फल देने लगते हैं. हर पौधे से औसतन 40-50 किलोग्राम केला मिलता है. मार्केट में केले की कीमत अच्छी-खासी मिल जाती है. बाजार में 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से केला बिकता है. जबकि केले का एक पौधा उगाने में सिर्फ 100 रुपए का खर्च आता है.
केले की खेती के लिए मिट्टी का चयन बहुत जरूरी है. खेती से पहले मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए. इसकी खेती के लिए सबसे बढ़िया चिकनी बलुई मिट्टी को माना जाता है. खेती के लिए 13 डिग्री से नीचे का तापमान अच्छा माना जाता है. एक साल में केले की फसल तैयार हो जाती है. केले की खेती के लिए कई उत्तम किस्में हैं. केले से पहले ढेंचा, लोबिया जैसी हरी खाद की फसल उगाई जानी चाहिए और उसे जमीन में गाड़ देना चाहिए. ये मिट्टी के लिए खाद का काम करती है. इसके बाद जमीन को 2-4 बार अच्छी तरह से जोत देना चाहिए. इसके बाद केले के पौधे लगाने चाहिए. इसके बाद इसमें समय समय पर खाद-पानी देते रहना चाहिए. करीब 15 महीने के बाद फल आने लगते हैं.
उत्तर प्रदेश में सरकार केले की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. सरकार की तरफ से प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 31 हजार रुपए की मदद मिलती है. इसके अलावा सरकार की तरफ से कृषि यंत्रों, स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई के साथ सोलर पंप पर भी छूट मिलती है. इससे केले की खेती में मदद मिलती है.
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