अयोध्या सहित पूरे देश के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास है. इस दिन राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने वाला है. वहीं इन दिनों पूरा देश राममय हुआ है. इसके साथ ही पटना का श्रीराम तिलकुट भंडार भी इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इस दुकान में काम करने वाले सभी कर्मचारियों की पोशाक बेहद खास है. वजह यह है कि इस दुकान में तिलकुट बनाने वाले सभी कर्मचारी भगवा पोशाक पहने रहते हैं. साथ ही इस दुकान का तिलकुट भी गया के तिलकुट के स्वाद की याद दिलाता है. दुकान के मालिक विकास मंडल दुकान में पोशाक कोड को लेकर कहते हैं कि राम के नाम से दुकान है. श्री राम में विशेष आस्था होने की वजह से भगवा रंग के पोशाक के साथ श्री राम का नाम का लिखा हुआ गम्छी ओढ़कर तिलकुट, खाजा सहित अन्य खाने वाला सामान बनाते हैं.
ठंड के मौसम में वैसे तिल से बने खाने वाले व्यंजन की मांग ज्यादा रहती है. लेकिन मकर संक्रांति के दिन तिल का तिलकुट, चावल के लाई का लड्डू, अनरसा, सिलाव का खाजा सहित अन्य चीजों की मांग बिहार में अधिक रहती है. इस दौरान सड़कों के किनारों से लेकर मुख्य बाजार तक तिल से बने कई तरह के व्यंजनों से दुकानें सजी दिखाई देती हैं. जहां सौ रुपये से लेकर हजार रुपये किलो तक तिलकुट के भाव चले जाते हैं.
रामचरितमानस की चौपाई के धुन के साथ भगवा पोशाक में विकास मंडल और उनकी पूरी टीम तिलकुट बनाने में लगी हुई है. पिछले दो सालों से पटना में तिलकुट की दुकान चला रहे मंडल कहते हैं कि उनके आराध्य श्री राम के नाम से दुकान है. इसकी वजह से मालिक से लेकर काम करने वाले सभी लोगों का पोशाक भगवा है क्योंकि यह पोशाक पहनने के बाद मालिक और नौकर में कोई अंतर ही समझ में नहीं आता है. वहीं आगे वह बताते हैं कि अयोध्या मंदिर निर्माण में वह अपनी एक दिन की पूरी कमाई दान करेंगे. साथ ही दुकान के सभी कर्मचारियों के साथ 21 जनवरी को पैदल और बीच में वाहन के जरिये अयोध्या जाएंगे.
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विकास मंडल कहते हैं कि इस बार गुड़ से बने तिलकुट की अधिक मांग है. जहां पांच किलो गुड़ का तिलकुट बिक रहा है, उसके अनुपात में एक किलो ही चीनी से बने तिलकुट की मांग की जा रही है. आगे वह बताते हैं कि अभी मकर संक्रांति के दिन लोग खोया, केसर पिस्ता सहित गुड़ से बने तिलकुट अधिक खरीद रहे हैं. कम मिठास वाले गुड़ से बने तिलकुट भी बनाए गए हैं जिसको शुगर वाले मरीज भी ले सकते है. वैसे तो पूरे देश में गया का तिलकुट काफी मशहूर है लेकिन उनकी दुकान पटना में भी उसकी मांग पूरी कर रही है.