Duck Farming: खेती छोड़ बिहार के इस किसान ने बत्तख पालन में आजमाया हाथ, अब कम लागत में हो रहा डबल मुनाफा

Duck Farming: खेती छोड़ बिहार के इस किसान ने बत्तख पालन में आजमाया हाथ, अब कम लागत में हो रहा डबल मुनाफा

बत्तख पालन के साथ जुड़कर कई युवा आज बेहतर कमाई कर रहे हैं. पटना जिले के रहने वाले राकेश कुमार 15 साल से कुक्कुट पालन से अपने जीवन को बेहतर कर रहे हैं. राकेश कुमार खेती की तुलना में बत्तख पालन से अच्छी कमाई कर रहे हैं.  

पटना के राकेश कुमार बत्तख पालन से बदल रहे हैं अपनी जिंदगी. फोटो-किसान तक पटना के राकेश कुमार बत्तख पालन से बदल रहे हैं अपनी जिंदगी. फोटो-किसान तक
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Sep 06, 2023,
  • Updated Sep 06, 2023, 1:01 PM IST

15 साल से खेती को अलविदा बोल कर और कुक्कुट पालन से नाता जोड़कर किसान राकेश कुमार काफी खुश हैं. डेढ़ दशक पहले जब घर की रोजमरा की जरूरतें खेती से पूरी होने में दिक्कत आने लगी, तो इन्होंने मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया. लेकिन अब सोशल मीडिया से जानकारी लेकर मुर्गी पालन को छोड़ बत्तख पालन से जुड़ गए हैं. राकेश कुमार कहते हैं कि मुर्गी के व्यवसाय ने खेती की तुलना में अधिक कमाई करवाई. लेकिन कमाई का एक मोटा हिस्सा मुर्गियों की बीमारियों में लग जाया करता था. इसी को देखकर अब मुर्गी पालन की जगह बत्तख पालन करना शुरू किया है. किसान राकेश कुमार इसी के दम पर अपने जीवन को बेहतर करने के लिए निकले हैं. वे पिछले तीन महीनों से बत्तख पालन कर रहे हैं. मगर अभी तक बीमारी या अन्य चीजों में एक्स्ट्रा पैसा नहीं लगा है.

बत्तख पालन कमाई का है बेहतर विकल्प. फोटो-किसान तक

राकेश कुमार राज्य की राजधानी पटना से करीब 60 किलोमीटर दूर बख्तियारपुर राइच गांव के रहने वाले हैं. इनके पास हाल के समय में करीब 250 से ज्यादा बत्तख हैं. इन्होंने अंडा उत्पादन के मकसद से बत्तख पालन शुरू किया है. 

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बत्तख पालन से बदलेगी जीवन की तस्वीर 

24 हजार रुपये की लागत से बत्तख पालन का व्यवसाय शुरू करने वाले राकेश कुमार कहते हैं कि अभी दो महीने में आठ हज़ार से अधिक की शुद्ध कमाई हुई है. मुर्गी पालन की तुलना में बत्तख़ पालन से अधिक कमाई है. वहीं खर्च भी बहुत कम है. अभी हाल के समय में करीब 250 से ज्यादा बत्तख हैं. इनसे हर रोज करीब सात से आठ सौ रुपये तक अंडा बिक जाएगा. आगे वे कहते हैं कि इन्होंने करीब साढ़े तीन कट्ठा जमीन में बत्तख पालन किया है. वहीं हर रोज पांच से छह सौ रुपये तक बत्तख़ पालन पर खर्च आता है. उनके अनुसार जहां एक मुर्गी पर हर रोज दाना का खर्च दो रुपये के आसपास आता है, वहीं बत्तख पालन पर एक रुपया खर्च आता है.

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मुर्गी की अपेक्षा बत्तख पालन में बेहतर कमाई

किसान राकेश कुमार के अनुसार, बत्तख पालन मुर्गी पालन की तुलना में किफायती और मुनाफे का सौदा है क्योंकि बत्तखों में बीमारी का खतरा बिल्कुल कम रहता है. मुर्गियों में बीमारियों का खतरा बहुत अधिक रहता है. बत्तख अपने आपको मौसम के अनुसार ढाल लेते हैं. वहीं उनके रखरखाव में अधिक समस्या नहीं होती है. इनके भोजन में किसान को बाहर से ज्यादा खर्च करना नहीं पड़ता है. तालाब में इन्हें रखते हैं तो उसी तालाब से मछली या आसपास के कीड़ों को खाकर अपना पेट भर लेते हैं. वहीं इसका अंडा बाजार में अधिक दाम पर बिकता है. एक मादा बत्तख कम से कम 280 से अधिक अंडा साल में देती है. 

 

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