IIRF रैंकिंग में बिहार के इस विश्वविद्यालय को मिला अब तक का सर्वोच्च स्थान, पढ़ें पूरी खबर

IIRF रैंकिंग में बिहार के इस विश्वविद्यालय को मिला अब तक का सर्वोच्च स्थान, पढ़ें पूरी खबर

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर राज्य का बना पहला विश्वविद्यालय, जिसे आईआईआरएफ रैंकिंग 2024 में सातवां रैंक हासिल हुआ. इसके बाद विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर है.

आई आई आर एफ रैंकिंग में बिहार के इस विश्वविद्यालय को मिला अब तक सर्वोच्च स्थानआई आई आर एफ रैंकिंग में बिहार के इस विश्वविद्यालय को मिला अब तक सर्वोच्च स्थान
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Jun 29, 2024,
  • Updated Jun 29, 2024, 5:02 PM IST

बिहार की कृषि को आधुनिक समय के साथ बेहतर करने में राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों का बहुत बड़ा योगदान है. इनमें से एक विश्वविद्यालय राज्य के समस्तीपुर जिला में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा भी है. जिसे कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य को लेकर भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क 2024 में टॉप टेन में स्थान मिला है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी एस पांडेय ने सूचना देते हुए कहा कि आईआई आर एफ रैंकिंग 2024 में केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा को सातवां रैंक हासिल हुआ है. बिहार के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी विश्वविद्यालय को इतना उच्च स्थान हासिल हुआ है. यह विश्वविद्यालय के लिए काफी गौरव की बात है. 

बता दें कि भारत में विश्वविद्यालयों इंजीनियरिंग संस्थानों, बिजनेस स्कूलों, डिजाईन संस्थानों तथा अन्य अकादमिक संस्थानों के लिए रैंकिंग प्रणाली को भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आई आई आर एफ रैंकिंग) कहा जाता है. इसके तहत बिहार के इतिहास में पहली बार विश्वविद्यालय को इतना उच्च स्थान हासिल हुआ है. वहीं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि यह रैंकिंग उन्हें और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा. 

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पहली बार विश्वविद्यालय को मिला यह स्थान 

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस रैंकिंग को मिलने में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान है. वहीं इस उपलब्धि के हासिल होने से विश्वविद्यालय का आत्मविश्वास बढ़ा है. आगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास में जितना योगदान शीर्ष वैज्ञानिकों का रहा है उतना ही योगदान सफाई कर्मचारियों का भी रहा है. सभी लोग एकनिष्ठ होकर काम कर रहे हैं और उसी का परिणाम है कि केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय राज्य का पहला विश्वविद्यालय हो गया है, जिसे आईआईआर एफ रैंकिंग 2024 में सातवां स्थान मिला है.

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शिक्षा अनुसंधान और प्रसार की दिशा में हुए बदलाव

विश्वविद्यालय के निदेशक शिक्षा डॉ. उमाकांत बेहरा ने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. पीएस पांडेय के नेतृत्व में तेजी से प्रगति कर रहा है. पिछले लगभग दो वर्ष में शिक्षा अनुसंधान और प्रसार की दिशा बदली गई है. शिक्षा को छात्र केंद्रित किया गया है, जबकि अनुसंधान को किसान केंद्रित किया गया है. वहीं वैज्ञानिकों को अमेरिका, इंग्लैंड सहित विभिन्न देशों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है. इस सबका परिणाम है कि विश्वविद्यालय को उच्च रैंकिंग हासिल हुई है. आगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को आने वाले समय में इस रैंकिंग का फायदा सभी को नजर आयेगा. 

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