जापान के वनस्पति विज्ञानी अकीरा मियावाकी द्वारा जमीन के छोटे से रकबे को जंगली पेड़ लगाकर Small Dense Forest बनाने वाली तकनीक अब यूपी के Green Cover को बढ़ाएगी. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर मियावाकी तकनीक को अपनाते हुए शहरी क्षेत्रों को हरा भरा बनाने के लिए "उपवन योजना" को लागू करने की तैयारी कर ली गई है. इसका आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होगा. योगी सरकार इसे पीएम मोदी को जन्मदिन के तोहफे के रूप में समर्पित करते हुए वाराणसी में 1 एकड़ जमीन पर Local Plant species के देसी पेड़ों का घना जंगल बनाएगी. इस योजना के तहत वाराणसी में पहला प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक भी बनाया जाएगा.
यूपी के शहरी क्षेत्रों को हरा-भरा करने के लिए योगी सरकार द्वारा शुरू की जा रही "उपवन योजना" का आगाज वाराणसी से हो रहा है. इसमें जापान की मियावाकी तकनीक से एक एकड़ में लगने वाले सघन वन से Natural Oxygen Bank भी विकसित होगा.
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उन्होंने बताया कि इस योजना में योजना में सीएम योगी कंचनपुर और सारंग तालाब के पास लंबी आयु वाले पौधे लगाएंगे. इन पौधों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए Tree Guard भी लगाए जाएंगे. साथ ही इनकी देखभाल के लिए मालियों की तैनाती की गई है.
वर्मा ने बताया कि भविष्य में पनपने वाले इस वन क्षेत्र में ही Open Gym, Walking Track और व्यायाम स्थल आदि का निर्माण किया जाएगा. गौरतलब है कि Urbanisation और विकास के कारण शहरों में कम हुई हरियाली को बढ़ाने के लिए योगी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत गत 20 जुलाई को एक दिन में 36.51 करोड़ से अधिक पौधारोपण किया गया था.
वर्मा ने बताया कि पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन के मौके पर नगर निगम द्वारा 'उपवन योजना' के अंतर्गत कंचनपुर पार्क में 74 पौधे एवं सारंग तालाब के पास भी 74 पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों पर लंबी आयु वाले जो Native Trees लगाए जाएंगे, उनमें नीम, बरगद, पाकड़, पीपल काे शामिल किया गया है.
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वर्मा ने बताया कि Global Warming के खतरों से निपटने के लिए योगी सरकार प्रदेश भर में Plantation Drive चला रही है. वाराणसी में मियावाकी तकनीक से शहर के मध्य इलाके में उपवन लगाकर प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक विकसित किया जा रहा है. जिससे Environment Protection के साथ ही लोगों को शुद्ध हवा भी मिल सके.
वर्मा ने कहा कि शहरी क्षेत्र में जहां बढ़ती गाड़ियों की संख्या और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं योगी सरकार ऐसे जगहों पर "उपवन योजना" को कारगर हथियार बनाकर छोटे छोटे वनक्षेत्र विकसित करेगी. जिससे यूपी में Air Pollution पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके.
उन्होंने बताया कि वनरोपण की विशिष्ट तकनीक के रूप में मियावाकी तकनीक के तहत शहरी क्षेत्र के छोटे से इलाके में कई तरह के देसी पेड़ लगाकर घना और Multilayered Forest बनाया जाता है. इस तकनीक से लगभग दो दशक में तैयार होने वाले जंगल, पारंपरिक विधि से लगाए जाने वाले जंगलों की तुलना में 30 गुना ज्यादा घने होते हैं.
इससे शहरी क्षेत्रों में Carbon Emission पर प्रभावी तौर पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है. इससे वन क्षेत्र के आसपास का इलाका Fresh Air का क्षेत्र बन जाता है. इसलिए ऐसे इलाके के लिए वनक्षेत्र प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक साबित होता है.
इस तकनीक में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध प्रजातियों के 40 से 50 फीसदी पौधे लगाए जाते हैं. मियावाकी वन क्षेत्र विकसित करने के लिए कम से कम 92 वर्ग मीटर खाली जमीन की दरकार होती है. मियावाकी वन लगाने का सबसे अच्छा समय बारिश का मौसम होता है.