बंजर जमीन बनेगी उपजाऊ, योगी सरकार ने की इस खास योजना की शुरुआत

बंजर जमीन बनेगी उपजाऊ, योगी सरकार ने की इस खास योजना की शुरुआत

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला प्रदेश है. प्रदेश की बढ़ती हुई जनसंख्या का पेट भरने के लिए कृषि उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी भी जरूरी है. वहीं तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते खेतों के लिए भूमि कम हो रही है और दूसरी तरफ बंजर भूमि का क्षेत्रफल भी बढ़ रहा है

यूपी की बंजर भूमि बनेगी उपजाऊ यूपी की बंजर भूमि बनेगी उपजाऊ
क‍िसान तक
  • lucknow ,
  • Jan 21, 2023,
  • Updated Jan 21, 2023, 6:36 PM IST

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला प्रदेश है. वही प्रदेश की बढ़ती हुई जनसंख्या का पेट भरने के लिए कृषि उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोतरी भी जरूरी है. वही तेजी से हो रहे शहरीकरण के चलते खेतों के लिए भूमि कम हो रही है. वहीं दूसरी तरफ बंजर भूमि का क्षेत्रफल भी बढ़ रहा है. ऐसे में बंजर और बीहड़ भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना को शुरू किया है. इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भूमि सुधार के कार्यक्रम चलेंगे. इसका लाभ भी किसान और मजदूरों को भी मिलेगा.  

वहीं दूसरी तरफ पर देश में खाद्यान्न की उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी. फिलहाल ये योजना 2022-23 से लेकर 2026-27 तक लागू की गई है. इस योजना से प्रदेश के 74 जिले लाभान्वित होंगे. गौतम बुध नगर को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है. 

यूपी में बंजर भूमि भी होगी उपजाऊ

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की बंजर और बीहड़ भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना की शुरुआत की है. इस योजना से 219250 लाख हेक्टेयर बीहड़ ,बंजर भूमि का सुधार व जलभराव वाली भूमि क्षेत्र का उपचार किया जाएगा.  इस योजना के माध्यम से कृषि उत्पादन किसानों की आय हुए भूजल स्तर में बढ़ोतरी भी होगी.  वही 5 साल में दो करोड़ मानव दिवस भी सृजन किए जाएंगे .  

इस योजना के तहत प्रदेश की बंजर और  निष्प्रयोज्य भूमि को उपजाऊ बनाया जाएगा . इस योजना में चयनित जनपदों में किसान और मजदूर भी इसके लाभार्थी होंगे .भूमि सुधार की दिशा में प्रदेश सरकार का यह एक बड़ा अभियान है. वही इस कार्यक्रम में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है. जहां लघु ,सीमांत और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति  के किसान व भू-आवंटी की अधिकता है. सरकार उद्देश्य है कि कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ छोटे किसानों और मजदूरों के लिए आय के साधन भी इस योजना से बढ़ेंगे. वही इस योजना के जरिए खेती के लिए भूमि के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.

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राज्य सरकार और मनरेगा के बजट से संचालित होगी यह योजना

पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना  पर पूरे 5 साल में 602.68 करोड़ खर्च होंगे. वही इस बजट में 501.59 करोड रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी.  वहीं 51.25 करोड रुपए मनरेगा से खर्च यह जाएंगे .

 

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