अपनी जमीन देकर रोड कनेक्टिविटी की शानदार परियोजना गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की परिकल्पना को साकार करने वाले किसानों को खुशहाल बनाने में योगी सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. इस परियोजना के लिए सरकार ने 22029 किसानों को 2030.29 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान मुआवजा (प्रतिकर) के रूप में किया है. यही नहीं जमीन देने वाले किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में खुद सम्मानित कर उनके योगदान की सराहना कर चुके हैं. शुक्रवार (20 जून) को जब गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण होगा तो एक बार फिर किसानों के योगदान की बरबस चर्चा होगी.
ढांचागत सुविधाओं का विकास हो या फिर औद्योगिकीकरण, जमीन सबसे पहली आवश्यकता है. इसके लिए किसान या भूमि स्वामी तभी अपनी जमीन देते हैं जब उन्हें सरकार पर विश्वास होता है और सरकार उन्हें जमीन के बदले भरपूर मुआवजा देती है. विकास कार्यों के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारस्परिक विश्वास और मुआवजा देने के लिहाज से योगी सरकार बेमिसाल है. खुद मुख्यमंत्री का यह स्पष्ट मानना है कि किसान अन्नदाता होने के साथ विकास कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं. विकास कार्यों के लिए भूमि की आवश्यकता होती है, जिसके लिए सरकार किसानों पर निर्भर रहती है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का आज जो शानदार स्वरूप सामने आया है, वह किसानों द्वारा दी गई जमीनों से ही संभव हो पाया है. गोरखपुर से आजमगढ़ के बीच 91.35 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे के लिए चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ के 172 गांवों के किसानों से 1148.77 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. किसानों को बेहद पारदर्शी प्रक्रिया के तहत डीबीटी के माध्यम से दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा भुगतान किया गया है. वाकई इस परियोजना में किसानों ने खुले मन से सरकार का सहयोग किया. किसी गांव में कोई शिकायत आई भी तो उसका संतुष्टिपूर्ण समाधान खुली सुनवाई में किया गया.
किसानों के सहयोगी रवैये को सरकार ने हाथोंहाथ लिया और जनवरी 2020 में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य के शुरुआती चरण में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में एक समारोह आयोजित कराकर जमीन देने वाले 500 किसानों को सम्मानित कराया था. इनमें से 40 किसानों को सीएम योगी ने खुद अपने हाथों से सम्मानित किया था. बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोड कनेक्टिविटी की शानदार सौगात गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का शुक्रवार को लोकार्पण करेंगे.
1- गोरखपुर के 88 ग्रामों से 570.73 हेक्टेयर भूमि लेकर 12935 किसानों को 1248.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
2- संतकबीरनगर के 4 ग्रामों से 20.91 हेक्टेयर भूमि लेकर 422 किसानों को 15.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
3- अंबेडकरनगर के 37 ग्रामों से 297.88 हेक्टेयर भूमि लेकर 4741 किसानों को 438.04 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
4- आजमगढ़ के 43 ग्रामों से 259.25 हेक्टेयर भूमि लेकर 3931 किसानों को 328.71 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.
गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनुज मलिक बताती हैं कि कनेक्टिविटी के विकल्प का असर निवेश पर पड़ता है. गीडा की तरफ से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा गीडा की धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को भी लिंक एक्सप्रेस की कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा.
गोरखपुर के अलावा एक और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अंबेडकर नगर में बनेगा. चूंकि पूर्वांचल में खेतीबाड़ी ही रोजगार का प्रमुख जरिया है. लिहाजा दोनों कॉरिडोर में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर फोकस है. इससे आने वाले समय में यहां के खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प हो सकेगा. विश्व बैंक की मदद से चलने वाली यूपी एग्रीज योजना इसमें खासी मददगार होंगी. मालूम हो कि इस महत्वाकांक्षी योजना में पूर्वांचल के सभी जिले शामिल हैं.
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