यूपी में योगी सरकार द्वारा आयोजित की गई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस23) में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर में 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इसे अहम उपलब्धि बताते हुए कहा है कि लॉजिस्टिक खर्च को कम करने में यूपी की वेयरहाउसिंग नीति मददगार साबित होगी. पटेल ने भरोसा जताया कि जल्द ही यूपी में उद्योग क्षेत्र से साथ कृषि क्षेत्र को भी इसका सीधा लाभ होगा. जीआईएस में यूपी की वेयरहाउसिंग नीति के तमाम पहलुओं पर चर्चा करने लिए आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने यूपी सरकार की इस पहल को अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय बताया.
कहा कि यूपी सरकार की नई वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक नीति निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने वाली है. उन्होंने निजी क्षेत्र से इसका अधिकाधिक लाभ लेने की अपील करते हुए कहा कि इससे यूपी में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. जिससे यहां की अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर होगी और प्रदेश के युवाओं को रोजगार के सिलसिले में अन्य राज्यों की ओर पलायन करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि फिलहाल देश में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद का 14 प्रतिशत है. सरकार का लक्ष्य है कि इसमें वर्ष 2030 तक लगभग 08 प्रतिशत तक की कमी लाई जाए. उन्होंने कहा कि दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 'लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स' में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल होना है. उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स इंफ्रस्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए किए गए उपाय, केंद्र सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबति होंगे.
ये भी पढ़ें: बढ़ती जनसंख्या के बीच दुनिया की खाद्य सुरक्षा पूरी करने में अहम भूमिका अदा करेगा भारत
सेमिनार में यूपी के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने कहा कि कुछ वर्ष पहले तक यूपी में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स की बात कोई नहीं करता था. योगी सरकार ने कृषि एवं उद्योग क्षेत्र के हितों को ध्यान में रखते हुए 'एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड' की स्थापना की. उन्होंने कहा कि एआईएफ बनाने वाला एकमात्र राज्य यूपी है.
राठौर ने कहा कि इस फंड के मार्फत कृषि क्षेत्र में निवेशकों को ब्याज में छूट प्रदान की जायेगी. साथ ही भंडारण हेतु पीपीपी मॉडल पर साइलोज यानि गोदाम का निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिए गोदाम या साइलो के निर्माण हेतु पीपीपी माॅडल पर कुल 2800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. उन्होंने कहा कि जीआईएस में सहकारिता विभाग को भी लक्ष्य से अधिक 14 हजार करोड़ रुपये का निवेश अब तक मिल चुका है. जबकि विभाग का लक्ष्य 7500 करोड़ रुपये का निवेश जुटाना था.
केन्द्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि यूपी के बुलंदशहर में मुक्त व्यापार सुविधा से संपन्न 'ट्रेड एंड वेयरहाउसिंग जोन' बनाने की मंजूरी मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि यह जोन 51 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनाया जाएगा. यह जोन बनने से यूपी के उद्यमियों को काफी लाभ मिलेगा.
पटेल ने कहा कि देश में विकसित हो रहे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, यूपी से गुजर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्वी कॉरिडोर, पंजाब में साहनेवाल (लुधियाना) से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक जाएगा. जबकि 1504 किलोमीटर लंबा पश्चिमी कॉरिडोर, जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक विस्तृत है. यह कॉरीडोर देश के प्रमुख बंदरगाहों से होकर गुजरता है. इन दोनों कॉरिडोर को आपस में जोड़ने के लिये यूपी में दादरी और खुर्जा के बीच एक खंड निर्माणाधीन है. दोनों कॉरिडोर का सीधा लाभ यूपी के उद्यमियों को मिलेगा.
और पढ़ें,
यूपी सरकार की अपील: गौ माता के प्रति प्रेम और आस्था व्यक्त कर मनाएं ‘वैलेंटाइन डे'
यूपी: मछली पालन के लिए मिलेगा 40 फीसदी अनुदान, चार साल के लिए मंजूर हुई योजना