Parag Dairy: यूपी में पराग डेरी फिर से होगी पुनर्जीवित, एनडीडीबी ने तैयार किया खाका

Parag Dairy: यूपी में पराग डेरी फिर से होगी पुनर्जीवित, एनडीडीबी ने तैयार किया खाका

उत्तर प्रदेश में प्रदेश कोऑपरेटिव डेयरी संघ यानी पराग को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए एनडीडीबी भी पूरा सहयोग कर रही है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह ने कहा वाराणसी दुग्ध यूनियन की 2 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले डेरी प्लांट की कमान जब हमने अपने हाथों में ली तब वह मुश्किल से 6 से 7000 लीटर पर काम कर रही थी. आज वही 100000 लीटर प्रति दिन से ज्यादा पर संचालित हो रही है

पराग को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारीपराग को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारी
धर्मेंद्र सिंह
  • Agra ,
  • Jun 29, 2023,
  • Updated Jun 29, 2023, 10:39 AM IST

उत्तर प्रदेश में प्रदेश कोऑपरेटिव डेयरी संघ यानी पराग (Parag Dairy) को फिर से पुनर्जीवित करने की तैयारी हो रही है. इसके लिए एनडीडीबी भी पूरा सहयोग कर रही है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह ने कहा वाराणसी दुग्ध यूनियन की 2 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले डेरी प्लांट की कमान जब हमने अपने हाथों में ली तब वह मुश्किल से 6 से 7000 लीटर पर काम कर रही थी. आज वही 100000 लीटर प्रति दिन से ज्यादा पर संचालित हो रही है. दुग्ध उत्पादकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने और संचालन में व्यवसायिक और कार्यकुशलता लाने से उत्तर प्रदेश में डेयरी कॉपरेटिव को फिर से पुनर्जीवित किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए डेयरी कॉपरेटिव और दुग्ध उत्पादक संगठनों को मिलकर साथ काम करना होगा.

यूपी में डेयरी कोऑपरेटिव को पुनर्जीवित प्लान

उत्तर प्रदेश के बनारस, गोरखपुर, रायबरेली में दुग्ध उत्पादक संगठनों सहित प्रदेश में डेयरी कोआपरेटिव की सहायता के लिए एनडीडीबी ने महत्वपूर्ण पहल की है. डॉ मीनेश शाह ने कहा उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में किसानों को सेवाएं प्रदान करने वाले संगठनों की विविधता से दुग्ध उत्पादकों की स्थिति बेहतर रहती है. किसान की दूध खरीद आय का 70% खर्च चारे पर होता है. बेहतर चारे की उपलब्धता की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए डॉ शाह ने कहा एनडीडीवी इस दिशा में बड़ी पहल कर रहा है जिससे राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अंतर्गत सर्टिफाइड चारा बीजों को बढ़ावा और चारा प्लस एफपीओ का गठन शामिल है. लंबी अवधि का चारा बनाना, फसल अवशेष को सुरक्षित करना, संपूर्ण मिश्रित राशन समेत दूसरी पहले भी की जा रही हैं.

बायोगैस परियोजना से मिलेगा दुग्ध उत्पादक किसानों को फायदा

उत्तर प्रदेश में 54% महिला दुग्ध उत्पादकों सहित एक लाख से अधिक डेयरी किसानों की सदस्यता वाले सहज मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की एक दिवसीय यात्रा पर पहुंचे एनडीडीबी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मनीष शाह ने कहा दुग्ध उत्पादक संगठन 5000 बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य बना रहा है. पहले जो गैस पंप सहित मात्र 6 से 7 रुपए की लागत पर खरीदे जाएंगे इनकी कीमत पहले ₹35000 तक थी. कंपनी के साथ मोल भाव से संभव हो पाया है. बायोगैस परियोजना से अर्जित कार्बन क्रेडिट को ध्यान में रखें और किसानों को बायोगैस की न्यूनतम कीमत पर उपलब्ध कराएं. पूरे भारत में दुग्ध किसान संगठन के लिए कम से कम 50000 बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य है. इससे किसानों की आय में सहायता के अलावा पर्यावरण से निपटने में भी मदद मिलेगी.

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प्रदेश में तेजी से फैल रही है सहज मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड 

उत्तर प्रदेश में सहज  मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना को 9 साल पूरे हो चुके हैं.  वहीं शहर के द्वारा प्रतिदिन 400000 किलोग्राम से अधिक दूध की खरीदी के साथ-साथ एम पी सी एक अग्रणी संस्था के रूप में उभरते हुए पश्चिमी यूपी के 10 जिलों में फैल गए हैं. सहज का कुल राजस्व 850 करोड रुपए है जिसमें 87% सदस्य किसानों को खरीद मूल्य, बोनस, लाभांश और प्रोत्साहन राशि के माध्यम से वापस दिया जाता है. सहज का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान इसकी सदस्यता 30% बढ़कर 1.25 लाख और राजस्व 25% बढ़कर 1000 करोड रुपए को पार करने की उम्मीद है. जिलों में संगठित संगठनों के बीच इसकी बाजार हिस्सेदारी 33% है.

जानें राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बारे में

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड मत्स्य पालन,  पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है. इसकी स्थापना 1965 में अपनी सहायक कंपनियों मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड ,आईडीएमसी लिमिटेड , इंडिया डेयरी सर्विसेस, एनडीडीबी मृदा लिमिटेड और एनडीडीबी विकास लिमिटेड की सहायता से देश में डेरी क्षेत्र के संवर्धन, वित्त पोषण और विकास को सुनिश्चित करना है.

 

 

 

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