
उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी क्रम में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिलों में स्थापित राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों एवं सामुदायिक फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने युवाओं और किसानों को प्रशिक्षण करने के निर्देश दिए हैं. वहीं गाजर, मटर, लहसुन, गोभी और मशरूम के प्रसंस्करण से किसानों की आय में वृद्धि और स्थानीय रोजगार सृजन हो रहा है.
डिप्टी सीएम मौर्य खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वह प्रभावी कार्ययोजना व रूपरेखा तैयार कर इच्छित नवयुवकों, नवयुवतियों व किसानों को बेहतर से बेहतर प्रशिक्षण दिलाना सुनिश्चित करें. प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण कार्यों की लगातार निगरानी भी की जाएं और प्रशिक्षण प्राप्त करने पर युवओं को रोजगार से जोड़ने के प्रभावी प्रयास किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी फूड प्रोसेसिंग का कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे, प्रशिक्षित लोग अपनी यूनिट लगाकर अनुदान व अन्य सुविधाओं का लाभ भी ले सकेंगे. बता दें कि खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आगरा, अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर, झांसी, प्रयागराज ,वाराणसी, अयोध्या और गोरखपुर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्रो के प्रधानाचार्यो, मिर्जापुर, देवीपाटन, बस्ती, आजमगढ़, सहारनपुर और चित्रकूट धाम के खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों तथा फल संरक्षण अधिकारी लखनऊ में युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है.
दरअसल, खाद्य प्रसंस्करण को बढावा देने के लिए विभाग की ओर से दो वर्षीय परास्नातक कोर्स वर्ष संचालित है. यह लखनऊ निदेशालय और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे हैं, इसमें 40 सीटें हैं. वहीं राजकीय खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रोद्योगिकी संस्थान लखनऊ में पीएचडी पाठ्यक्रम चलाने की तैयारी है.
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