पूरे देश में मिशन अमृत सरोवर के तहत अब तक 50000 से अधिक तालाबों का निर्माण हो चुका है. इस मिशन के तहत यू यूपी के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. वहीं अब तक उत्तर प्रदेश में भी 10 हजार अमृतसर सरोवर का निर्माण हो चुका है. अमृत सरोवर के माध्यम से भीषण गर्मी के समय भी ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में सुधार करना प्रमुख उद्देश्य है, जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है. ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा अब अमृत सरोवर का सोशल ऑडिट करने का फैसला लिया गया है, अमृत सरोवरों के सोशल ऑडिट के तहत अमृत सरोवर के निर्माण जांच जिले लेवल और ब्लॉक लेवल पर होगी. वहीं सोशल ऑडिट के तहत अमृत सरोवरों की गुणवत्ता देखी जाएगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से सभी अमृत सरोवर की सोशल ऑडिट को हर हाल में 10 जून तक पूरा करना होगा.
मिशन अमृत सरोवर योजना की शुरुआत 24 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस योजना के माध्यम से तालाब के निर्माण के साथ-साथ गर्मी के समय भूजल स्तर को बनाए रखना. वही किसानों के लिए सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था भी बनी रहेगी. इसके साथ ही अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाब में जलीय जीव, पशु-पक्षियों को पानी की समस्या नहीं होगी. इससे ग्रामीण क्षेत्र में अर्थव्यवस्था भी मजबूत बनेगी. वही मछली पालन, मखाने की खेती तथा सिंचाई की व्यवस्था से किसानों को अधिक लाभ मिल सकेगा.
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जल संरक्षण और संचयन के उद्देश्य से भारत सरकार के द्वारा अमृत सरोवर योजना चलाई जा रही है. उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा इस दिशा में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. अमृत सरोवर के विकास में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है. उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में कुल 5625 अमृत सरोवर के विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष प्रदेश में 10,000 अमृत सरोवर बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है. अमृत सरोवर के विकास में उत्तर प्रदेश में 15392 सरवर चिन्हित किए गए हैं. वहीं दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश है, जहां पर 1535 अमृत सरोवर का विकास किया गया है.
अमृत सरोवर योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों के निर्माण का कार्य मनरेगा मजदूरों के द्वारा कराया जा रहा है, जिससे गांव की मनरेगा मजदूरों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो रहा है. इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में अस्तित्व खो चुके तालाबों को पुनर्निर्माण कर उनका उपयोग किया जा सकेगा. ग्रामीण इलाकों में अमृत सरोवर के तट पर नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन और महुआ जैसे पौधों को भी लगाया जा रहा है, जिनकी मदद से पर्यावरण ही नहीं बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.