लोहा, लकड़ी, बांस और चमड़ा सहित अन्य संसाधनों से रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं बनाने वाले हुनरमंद हाथों को आज के वैज्ञानिक युग में अर्थतंत्र की धुरी बनाने का सरकार सतत प्रयास कर रही है. इसके लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की गई है. इस योजना के माध्यम से पारंपरिक कुशल कारीगरों को उद्यमी बनने का अवसर मुहैया कराया जाता है. यूपी में Yogi Govt ने केंद्र सरकार की इस योजना काे Flagship Scheme की तरह लागू करने की कवायद तेज कर दी है. इसके प्रति संभावित लाभार्थियों का लगातार बढ़ रहा रुझान, सरकार के प्रयासों के सार्थक परिणाम के रूप में देखा जा रहा है. लकड़ी, लोहा से लेकर नल और बिजली सहित अन्य काम करने वाले यूपी के 27 लाख हुनरमंदों ने इस योजना का लाभ लेकर उद्यमी बनने के लिए आवेदन कर दिया है. इस मामले में कौशांबी ने प्रदेश के अन्य जिलों को पीछे छोड़ दिया है.
पीएम विश्वकर्मा योजना में ग्राम व्यवस्था के शिल्पकार माने गए बढ़ई, बसोर, कुम्हार, लोहार, कहार, चर्मकार और स्वर्णकार सहित अन्य समुदायों के हुनर को आधुनिक तकनीक से जोड़ने का अवसर दिया जा रहा है. इसमें सरकार इन सभी समुदायों को Financial Aid एवं Technical Assistance प्रदान कर इन्हें उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
ये भी पढ़ें, Food Processing : यूपी में खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंग लेकर किसानों के लिए कारोबारी बनने का सुनहरा मौका
इसका लाभ लेने के लिए सरकार को मिले आवेदनों का तीन स्तरों पर सत्यापन कराया जा रहा है. इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण और लोन की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी.
यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि ग्राम व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने वाले पारंपरिक कामों से जुड़े समुदायों को तरक्की की मुख्यधारा में लाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना लागू की गई है. सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इन समुदायों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना में अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने का अभियान चल रहा है.
इसके फलस्वरूप PM Vishwakarma Portal के माध्यम से यूपी में कुल 27 लाख 47 हजार 17 लोगों ने Online Apply किया है. इन आवेदनों का तीन स्तर पर सत्यापन कराया जा रहा है. सत्यापन के साथ ही सभी आवेदकों के नामांकन की प्रक्रिया भी चल रही है. इसके तहत अब तक 17 लाख 32 हजार 536 आवेदन का प्रथम स्तर पर, 2 लाख 09 हजार 172 आवेदन का द्वितीय स्तर और 80,844 आवेदन का तृतीय स्तर पर सत्यापन कार्य पूरा कर लिया गया है.
बता दें कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और ID Card के साथ Skill Upgradation, Tool kit और Credit Support दिया जाता है. इसके अलावा Digital Transaction करने पर इंसेंटिव और Marketing Support जैसे लाभ भी दिया जाएगा. साथ ही 1 से लेकर 2 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा भी दी जाएगी.
ये भी पढ़ें, यूपी में योगी सरकार की ODOP योजना का गांव की महिलाएं उठा रहीं भरपूर लाभ
यूपी सरकार की ओर से बताया गया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में पहले और दूसरे चरण का सत्यापन तेजी से किया जा रहा है. इसमें कौशांबी 80 प्रतिशत से अधिक सत्यापन के साथ शीर्ष पर है. वहीं गाजियाबाद दूसरे, बलरामपुर तीसरे, फिरोजाबाद चौथे और फतेहपुर पांचवें स्थान पर है. इस मामले में ललितपुर, गौतमबुद्ध नगर, फर्रुखाबाद, कानपुर नगर और प्रतापगढ़ का रिपोर्ट कार्ड की बेहतर है.
इन जिलों का यह प्रदर्शन पहले चरण के सत्यापन के बाद द्वितीय चरण के सत्यापन प्रतिशत के आधार पर निर्धारित किया गया है. इसके अलावा लाभार्थी को ऋण के लिए 7,606 आवेदन बैंकों के पास भेजे गए हैं. इनमें से अब तक 2,457 आवेदन स्वीकृत हो गए है. इनमें से 1,326 लाभार्थियों को लोन मिल भी चुका है.