राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर, जोकि हर साल 24 अप्रैल को मनाया जाता है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एक एकीकृत ई-ग्रामस्वराज और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पोर्टल का उद्घाटन किया. ई-ग्राम स्वराज – सरकारी ई-मार्केट प्लेस एकीकरण का उद्देश्य पंचायतों को ई-ग्राम स्वराज प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए जीईएम के माध्यम से अपने सामानों और सेवाओं की खरीद करने में सक्षम बनाना है. एकीकरण पंचायतों को डिजिटल खरीद और भुगतान प्लेटफॉर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा, और उनके लिए नए बाजार खोलकर स्थानीय विक्रेताओं को भी लाभान्वित करेगा. इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता को काफी बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को भी मजबूती मिलेगी.
ऐसे में आइए ई-ग्राम स्वराज– सरकारी ई-मार्केटप्लेसस एकीकरण पोर्टल के बारे में विस्तार से जानते हैं-
ई ग्राम स्वराज (ईजीएस) का शुभारंभ 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर किया गया था. इस योजना को पंचायतों के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के लिए एकल खिड़की समाधान के रूप में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा किए गए आह्वान के बाद इस पर तेजी से काम हुआ. आज देशभर में ई ग्राम स्वराज शत-प्रतिशत कार्य कर रहा है, 2.3 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें और पारंपरिक स्थानीय निकाय पहले से ही ऑनलाइन भुगतान के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं.
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पंचायतों द्वारा जहां ऑनलाइन खर्च किया जा रहा था, वहीं ऑफलाइन टेंडर आदि परंपरागत तरीके से खरीद की जा रही थी. इसलिए, पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के प्रयास और देश भर में कई पंचायतों द्वारा अनुरोध किए जाने पर यह निर्णय लिया गया कि खरीद प्रक्रिया भी ई ग्राम स्वराज की एक विशेषता बन जाएगी. इसलिए, पंचायती राज मंत्रालय और जीईएम (गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस) ने ई ग्राम स्वराज और जीईएम को एकीकृत करने के लिए सहयोग किया और ई ग्राम स्वराज और गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस (जीईएम) अनुप्रयोगों के बीच तकनीकी एकीकरण की पहल की गई.
इसका उद्देश्य पंचायतों को सीधे ई ग्राम स्वराज प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए जीईएम के माध्यम से अपने सामान और सेवाओं की खरीद करने में सक्षम बनाना है. यह पहल जीईएम के माध्यम से ऑनलाइन खरीद के लाभों को शासन के सबसे निचले स्तर तक ले जाएगी और केवल केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों और विभागों तक ही सीमित नहीं रहेगी. पंचायतें पहले से ही ईग्राम स्वराज का उपयोग करने की आदि हैं, इसलिए जीईएम के माध्यम से खरीदी उनके ऑनलाइन कार्य और फंड प्रबंधन का विस्तार होगा.
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• लगभग 60,000 के जीईएम के मौजूदा उपयोगकर्ता आधार को चरणबद्ध तरीके से 3 लाख से अधिक तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है.
• प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर पंचायतों द्वारा खरीद में पारदर्शिता लाना, पंचायतों द्वारा उठाई गई एक प्रमुख मांग है.
• स्थानीय विक्रेताओं (मालिकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों आदि) को जीईएम पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करना, क्योंकि पंचायतें बड़े पैमाने पर ऐसे विक्रेताओं से खरीद करती हैं. साथ ही ऐसे वेंडर्स द्वारा ऑनलाइन बिक्री करने से उनके लिए नए बाजार खुल सकते हैं.
• मनमाने तरीके से ठेके देने पर रोक लगेगी, अनुपालक वेंडरों को समय पर भुगतान मिलेगा.
• पंचायतें मानकीकृत और प्रतिस्पर्धी दरों पर गुणवत्ता सुनिश्चित सामान की घर पर डिलीवरी तक पहुंच बनाएगी.