
तमिलनाडु सरकार ने मौसम की मार झेल रहे किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. राज्य के कृषि मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट मॉनसून, बेमौसम बारिश और तेज आंधी से फसलों को हुए नुकसान के बाद राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से कुल 289.63 करोड़ रुपये की इनपुट सब्सिडी राहत मंजूर की गई है. इस बारे में 23 दिसंबर को आधिकारिक शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.
सरकारी आकलन के मुताबिक, वर्ष 2024 के पूर्वोत्तर मॉनसून और 2025 की शुरुआत में हुई बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य के कई हिस्सों में खड़ी फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं. कृषि फसलों को लगभग 4.90 लाख एकड़ क्षेत्र में नुकसान पहुंचा, जबकि बागवानी फसलें करीब 76,132 एकड़ में प्रभावित हुईं. इस व्यापक नुकसान को देखते हुए सरकार ने 3.60 लाख किसानों को राहत देने का फैसला लिया है.
कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस पूरी राहत राशि को सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की देरी या बिचौलियों की भूमिका न रहे. कुल स्वीकृत राशि में से 254.38 करोड़ रुपये उन 2.80 लाख किसानों के लिए हैं, जिनकी फसलें भारी बारिश से तबाह हुईं. वहीं, 35.25 करोड़ रुपये 80,383 बागवानी किसानों के लिए मंजूर किए गए हैं, जिनकी फसलें बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित हुईं.
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी शासनादेश में बताया गया है कि 31 जिलों में कृषि और बागवानी फसलों को हुए नुकसान का आकलन किया गया. इसके अलावा 24 जिलों में पूर्वोत्तर मॉनसून के दौरान हुई भारी बारिश, जनवरी 2025 में चली तेज हवाओं और बेमौसम वर्षा से बागवानी फसलों को नुकसान दर्ज किया गया.
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, नवंबर-दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 के दौरान जब करीब 5.66 लाख एकड़ में फसलें प्रभावित हुईं, तब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देश पर राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से फील्ड सर्वे किया. इस सर्वे में उन क्षेत्रों की पहचान की गई, जहां फसल नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक था.
इसके बाद जिला कलेक्टरों से राहत प्रस्ताव मंगवाए गए और उनकी जांच के बाद यह वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई. सरकार का कहना है कि इस राहत से किसानों को अगली फसल की तैयारी में मदद मिलेगी और प्राकृतिक आपदाओं से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई कुछ हद तक संभव हो सकेगी. यह कदम राज्य में कृषि क्षेत्र को सहारा देने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है.