सरकारी गेहूं खरीद का उद्देश्य किसानों को उपज की बेहतर कीमत उपलब्ध कराना : शाही

सरकारी गेहूं खरीद का उद्देश्य किसानों को उपज की बेहतर कीमत उपलब्ध कराना : शाही

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सफाई दी है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से संबंधित एक कार्यक्रम में चंदौली पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य इसलिए रखा है कि किसान को घाटा न हो पाए.

सरकारी गेहूं खरीद पर सरकार का उद्देश्य खरीद के लक्ष्य प्राप्ति नहींसरकारी गेहूं खरीद पर सरकार का उद्देश्य खरीद के लक्ष्य प्राप्ति नहीं
उदय गुप्ता
  • Noida,
  • Jun 09, 2023,
  • Updated Jun 09, 2023, 7:34 PM IST

पूरे उत्तर प्रदेश में इस बार गेहूं की सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही है. आलम यह है कि गेहूं की सरकारी खरीद के लिए खरीद केंद्र तो खोल दिए गए हैं. लेकिन, पूरे सीजन भर यहां पर सन्नाटा ही पसरा रहा. वहीं पूरे उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद का लक्ष्य तकरीबन 60 लाख मीट्रिक टन रखा गया था. जिसे 15 जून तक पूरा करना था. लेकिन गेहूं की सरकारी खरीद इस लक्ष्य के आसपास तक भी नहीं पहुंच पाई है. दरअसल सरकार ने गेहूं की MSP 2035 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है. लेकिन किसानों की माने तो उनको इससे ज्यादा कीमत मार्केट में ही मिल गई. लिहाजा उन्होंने सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं बेचने से बेहतर व्यापारियों को अपना गेहूं बेचना समझा.

उधर सरकारी गेहूं खरीद की लक्ष्य कम खरीद होने पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सफाई दी है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से संबंधित एक कार्यक्रम में चंदौली पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य इसलिए रखा है कि किसान को घाटा न हो पाए. बाजार में किसान को उसकी उपज की सही कीमत मिल सके इसलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है.

शाही ने की पीएम की तारीफ

उन्होंने आगे कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का उद्देश्य था कि किसान को बाजार में भी अच्छी कीमत मिले. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि समर्थन मूल्य डेढ़ गुना किए जाने का परिणाम है कि आज किसानों को MSP से ज्यादा कीमत उनकी उपज की मिल रही है. मंत्री शाही ने केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम उन किसानों को कांग्रेस की तरह बाध्य नहीं कर सकते. वहीं सूर्य प्रताप शाही ने आगे कहा कि हमने किसानों को इस तरह की आजादी दे रखी है कि वह अपने अनाज को वहां बेचें जहां से उनको अच्छा फायदा हो रहा हो.

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शाही ने साधा कांग्रेस पर निशाना

आने वाले दिनों में MSP में सुधार करने की गुंजाइश के बाद पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हम हमेशा MSP को रिवाइज करते रहते हैं और उसकी कीमतों को भी रिवाइज करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार 2014 में बनी थी. तब धान की MSP 1360 रूपए थी. उन्होंने कहा कि MSP 1984 -1985 के आसपास शुरू की गई थी. तब से अब तक यानी जब तक कांग्रेस थी (2014)  तक मात्र 1310 रुपये धान की MSP थी. वहीं मोदी सरकार ने डेढ़ गुना करने का निर्णय किया. परिणाम स्वरूप इस साल 2080 रुपये पर खरीदी गई है. साथ ही सरकार का उद्देश्य यही है कि किसान को उसकी उत्पादन का पैसा मिले.

 

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