Lucknow News: जल जीवन मिशन योजना के तहत पूरे प्रदेश में अब सौर ऊर्जा से संचालित पानी की टंकियां बन रही है. सौर ऊर्जा से पेयजल व्यवस्था संचालित होने से बिजली गुल होने, लोकल फाल्ट होने की दिक्कत नहीं होगी. इससे केवल बिजली पर आधारित पेयजल व्यवस्था पर निर्भरता कम होगी. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ के इंटौंजा के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय और लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, बीकेटी के 100 स्कूली बच्चों ने सोलर से संचालित 225 किलो लीटर क्षमता की 14 मीटर ऊंची पानी टंकी की खासियत जानना.
बच्चों के लिए एकदम नया अनुभव था. उन्होंने हर घर जल योजना के तहत गांव में पानी सप्लाई के लिए बनाई गई पेयजल योजना को नजदीक से पहली बार देखा. यहां बना पंप हाउस कैसे कार्य करता है उसकी जानकारी हासिल की. उसमें लगे पैनल्स का क्या कार्य है जैसे कई सवाल भी किये. जिसके जवाब प्लांट पर मौजूद जल निगम (ग्रामीण) के अधिकारियों ने उनको दिये। जल से संबंधित जानकारी लेने की उत्सुकता उनमें देखते ही बनी. पानी टंकी परिसर में उनको जल गुणवत्ता की जांच करके दिखाई गई.
स्कूली बच्चाें को बताया गया कि पेयजल योजना सोलर से संचालित होती है. हर घर जल योजना के तहत जल सप्लाई करने के साथ बिजली की बचत भी की जा रही है. स्कूलों की छात्राओं की ओर से ली गई सेल्फी में कुम्हरांवा की पानी टंकी भी दिखाई दी. उनको बताया गया कि इस पानी टंकी से वर्तमान में चार गांव को पानी सप्लाई की जा रही है. पहली बार गांवों में ग्रामीणों के घरों में हर घर जल योजन के तहत नल कनेक्श पहुंचे हैं.
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ग्राम प्रधान ने बताया कि टंकी सोलर ऊर्जा से शुरू की गई है. 106 सोलर प्लेट लगी हैं, जो 40 हार्सपावर के पंप को संचालित करने की क्षमता रखती हैं. माैसम खराब होने पर इमरजेंसी के लिए जेनरेटर की सुविधा है. अभी तक करीब 1500 कनेक्शन दिए जा चुके हैं. नई टंकी से पिछले सप्ताह आपूर्ति शुरू करा दी गई है. नए शेड्यूल के मुताबिक फिलहाल सुबह 6 से 7 बजे, दोपहर 12 से एक और शाम को 6 से सात बजे तक आपूर्ति मुहैया कराना सुनिश्चित किया है.
बता दें कि जल जीवन मिशन के तहत गांव में घरेलू कनेक्शन देने के मामले में उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन हो गया है. अब तक 1.80 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से जल मिल चुका है. यह नल कनेक्शन देने के कुल लक्ष्य का करीब 69 प्रतिशत है. एक अप्रैल 2020 को उत्तर प्रदेश 13वें स्थान पर था, वहीं इस वर्ष अप्रैल में तीसरे पायदान पर था. पिछले छह माह में तेजी से घरेलू नल कनेक्शन देने के कारण अब प्रदेश पहले स्थान पर आ गया है.