आयकर नियमों में स्पष्ट किया गया है कि कृषि आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. सरकार किसानों की खेती से होने वाली आय पर टैक्स नहीं लगाती है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाओं का लाभ दिया जाता है. हालांकि, आयकर नियमों के अनुसार कृषि आय की कुछ गतिविधियों से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को टैक्स के दायरे में रखा गया है, जैसे चाय, कॉपी या रबर की खेती से होने वाली कमाई. वहीं, सालाना 5,000 रुपये से अधिक कृषि आय को आइटीआर फाइलिंग में दर्शाना चाहिए.
आयकर अधिनियम की धारा 2 (1ए) के अनुसार कृषि आय को कृषि भूमि पर विभिन्न कृषि गतिविधियों से किसी व्यक्ति को हासिल होने वाले कुल राजस्व को कृषि आय कहा गया है और इस पर टैक्स नहीं लगता है. जो कृषि गतिविधियों से जुड़ी आय होती है जैसे भेड़ पालन, डेयरी, पेड़ों की बिक्री से आय, पशुओं की बिक्री से होने वाली कमाई, जमीन या इमारत से किराया आय जैसी कमाई कृषि आय के दायरे से बाहर रखी गई हैं और इन पर कुछ छूट और शर्तों के साथ टैक्स लागू होता है.
कृषि गतिविधियों से जुड़े उपरोक्त कार्यों से होने वाली आय पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपनी नीतियों के अनुसार टैक्स लागू करती हैं. हालांकि, कोई राज्य सरकार कृषि से जुड़ी गतिविधियों से होने वाली आय पर टैक्स लगा रही है तो केंद्र सरकार उस पर टैक्स नहीं लगा सकती है. ऐसा नहीं हो सकता कि किसी कृषि गतिविधि से होने वाली कमाई पर राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की ओर से टैक्स लगाया जा रहा हो.
आयकर अधिनियम के निर्देशानुसार कमर्शियल फसलों जैसे चाय उत्पादन, कॉफी की फसल करना या रबर की खेती करना आदि को टैक्स के दायरे में रखा गया है. इन फसलों से हासिल कमाई पर कुछ प्रतिशत छूट के बाद टैक्स लागू होता है.
उदाहरण से समझिए - चाय के मामले में कुल कमाई का 40% कर योग्य होगी यानी इस पर टैक्स लागू होगी. जबकि, बाकी 60% कमाई को कृषि आय के रूप में रखा गया है इसलिए इस पर टैक्स लागू नहीं होगा. इस तरह से किसी व्यक्ति को कुल कमाई के 40% पर टैक्स लगेगा और यह करदाता के लिए निर्धारित टैक्स स्लैब दर पर लागू होगा. ध्यान दें कि कुछ राज्य सरकारें कुछ कमर्शियल फसलों पर टैक्स लगाती हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ऐसी फसलों पर टैक्स नहीं लगाएगी. ऐसी फसलों की सूची राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है और टैक्स की दर भी अलग-अलग होती है.
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ऐसे में यदि आपकी कृषि गतिविधियों से होने वाली कमाई टैक्स योग्य है तो आपको आइटीआर फाइल करना चाहिए. आयकर नियमों के अनुसार सालाना 3 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करने वाले लोगों को आयकर फाइल करना चाहिए. ऐसे में इतनी कमाई वाले किसान भी आइटीआर फाइल कर सकते हैं. आइटीआर फाइल करने के कई फायदे भी मिलते हैं. फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के लिए बिलेटेड आइटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है.